इटली मे मिले ज्वालामुखी बचावकर्ता के अवशेष, 2 हजार साल पुराना वो कंकाल जिसकी इन चीजों से हुई पहचान

इटली के पुरातत्वविदों को एक बचावकर्ता के अवशेष मिले थे

Update: 2021-05-12 09:35 GMT

इटली के पुरातत्वविदों को एक बचावकर्ता के अवशेष मिले थे, जिसकी काफी हद तक पहचान हो गई है. पुरातत्वविदों का मानना है कि ये कंकाल जिसका है, उसकी करीब 2000 साल पहले प्राचीन ज्वालामुखी माउंट वेसुवियस (Mount Vesuvius) के फटने के दौरान मौत हो गई थी. ये उस वक्त लोगों की जान बचाने वाला एक सैनिक था. जो एक वरिष्ठ अधिकारी भी था, जिसने रेस्क्यू मिशन के समय काम किया था (Vesuvius Eruption 79 AD). ये मिशन इतिहासकार और नौसेना कमांडर प्लिनी द एल्डर ने शुरू किया था. साल 1980 के दशक से अब तक यहां से करीब 300 कंकाल मिले हैं.

ज्वालामुखी विस्फोट ने हरकुलेनियम और उसके पास स्थित पोम्पेई शहर तक तबाही मचाई थी. 79 ईस्वी में ज्वालामुखी के लावे, राख और गैस में इन शहरों की इमारतों से लेकर लोगों के शव तक बह गए थे. ये कंकाल करीब 40 साल पहले पोम्पेई के उत्तर में स्थित एक साइट पर रेत में मुंह बल पाया गया था (Vesuvius Eruption AD 79 Facts). जिसका नाम कंकाल संख्या 26 रखा गया. अब इसके संबंध में कई जरूरी जानकारी हासिल हुई हैं, जैसे इसकी उम्र 40 से 45 के बीच थी और वह एक स्वस्थ शख्स था. जो विस्फोट होने की तेज के चलते धरती पर गिर गया था.
'बचाव अभियान में हिस्सा लिया था'
कंकाल के पास एक नाव मिली है और अब माना जा रहा है कि जो 300 अन्य कंकाल मिले थे, वो उन लोगों के थे, जिन्हें बचाया जाना था (Vesuvius Eruption Pompeii). हरकुलेनियम स्थित इस साइट के डायरेक्टर फ्रांसिस्को सिरानो का कहना है कि कंकाल संख्या 26 के पास से कुछ सामान भी मिला है, उससे पता चलता है कि उस दौरान उसने काफी महत्वपूर्ण काम किए थे. सिरानो ने कहा, 'वो शायद उस फ्लीट के अफसर हो सकते हैं, जिन्होंने बचाव अभियान में हिस्सा लिया था. ताकि गांव और कस्बों में रहने वाले लोगों की मदद की जा सके.'
सिक्के और कड़ा भी मिला है
कंकाल के पास चांदी का कड़ा और दो सोने के दिवारी सिक्के भी मिले हैं, जो उस समय दी जाने वाली सैलरी माने जा रहे हैं. सोने और चांदी की बेल्ट और तलवार पर भी डिजाइन पाए गए हैं, जिससे पता चलता है कि यह कोई आम सैनिक का कंकाल नहीं है. जबकि उसके बैग में कुछ उपकरण मिले हैं (Vesuvius Eruption Bodies). जो कार्पेंटरी में माहिर इंजीनियर इस्तेमाल किया करते थे. प्लिनी द एल्डर की बात करें, तो वह एक रोमन नौसैनिक कमांडर थे. जो मिसेनम के बंदरगाह पर तैनात थे, यह हरकुलेनियम के तट से थोड़ा आगे है. उनका निधन भी इस विस्फोट के दौरान ही हुआ था.


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