पाकिस्तानियों की दुनियाभर में बढ़ रही आपराधिक कारनामों में भागीदारी, जिहादी समूहों के बहकावे में आकर अपराधों में हो रहे शामिल
पाकिस्तानी प्रवासियों की दुनिया भर के कई देशों में आपराधिक गतिविधियों में भागीदारी बढ़ रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तानी प्रवासियों की दुनिया भर के कई देशों में आपराधिक गतिविधियों में भागीदारी बढ़ रही है। इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि वे जिस-जिस देश में रह रहे है वहां के अपराधों में उनकी संलिप्तता बढ़ती जा रही है। नवीनतम मामला इटली में फ्रांसीसी व्यंग्य पत्रिका शार्ली हेब्दो के हमलावरों के साथ कथित संबंधों का है। इटली की आतंकवादरोधी पुलिस और यूरोपोल ने 2020 में पत्रिका के कार्यालय पर हमला करने वाले व्यक्ति से संबंध रखने के संदेह में सात जून को पाकिस्तानियों की एक समूह को गिरफ्तार किया।
हमला करने के आरोप में हुई गिरफ्तारी
इतालवी पुलिस ने कहा कि एक पाकिस्तानी व्यक्ति जहीर हसन महमूद पर दो लोगों पर हमला करने का आरोप है। पत्रिका ने पैगंबर मुहम्मद के विवादास्पद कार्टून को फिर से प्रकाशित किया था। जेनोआ के इल सिकोलो एक्सआइएक्स दैनिक ने कहा कि इटली में इस्लामी चरमपंथियों के एक नेटवर्क से जुड़े आठ लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। यह लोग हमले की साजिश रच रहे थे। जो नवीनतम गिरफ्तारियां हुई हैं, उनमें अपराध करने के लिए भूमि या समुद्री मार्ग से यूरोप में प्रवेश करने वाले पाकिस्तानी प्रवासी भी शामिल हैं।
आर्थिक तंगी भी अपराध का बड़ा कारण
कई लोग जिहादी समूहों या कथित इस्लामोफोबिया द्वारा प्रचार के शिकार हो जाते हैं और इस वजह से अपराध करते हैं। चोरी, तस्करी, नशीली दवाओं की तस्करी, हिंसा में कई पाकिस्तानी नागरिक इसलिए भी शामिल हो जाते हैं ताकि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो मगर जाहिर सी बात है कि अपनी इन करतूतों से वे अपने देश की बदनामी कराते हैं।
पाकिस्तानी नागरिक बड़े पैमाने पर अपराध में लिप्त
उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि 2015 से दुनिया के 138 देशों से 6.18 लाख से अधिक पाकिस्तानी नागरिकों को निर्वासन का सामना करना पड़ा है। निर्वासन के कारणों में बड़े पैमाने पर आपराधिक गतिविधियां, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होना और इन देशों में अवैध रूप से प्रवेश करने में नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल शामिल है। पाकिस्तानियों को पश्चिम एशिया में साथी मुस्लिम देशों में भी अपराधों में शामिल पाया गया है। इनमें सबसे प्रमुख देश सऊदी अरब है जो कि इस्लामी धार्मिक स्थलों का घर है।