हाइपरसोनिक हथियार सिस्टम के टेस्ट को एक बहुत महत्वपूर्ण तकनीकी घटना बताया, बोले US के टॉप जनरल मार्क मिले

चीन ने हाइपरसोनिक हथियार की टेस्टिंग की बात को नकार दिया है और कहा कि ये एक रियूजेबल स्पेस व्हीकल था.

Update: 2021-10-28 08:42 GMT

अमेरिका (America) के टॉप जनरल मार्क मिले (Mark Milley) ने चीन (China) के हालिया हाइपरसोनिक मिसाइल (Hypersonic missile) टेस्ट की तुलना 'स्पुतनिक मूमेंट' (Sputnik Moment) से की है और बताया है कि ये इसके बहुत करीब है. ब्लूमबर्ग टीवी को दिए एक इंटरव्यू में ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष ने हाइपरसोनिक हथियार सिस्टम (Hypersonic weapon system) के टेस्ट को एक बहुत महत्वपूर्ण तकनीकी घटना बताया. चीन द्वारा हाइपरसोनिक हथियार का टेस्ट करने की जानकारी सबसे पहले फाइनेंशियल टाइम्स ने दी थी.

बुधवार को प्रसारित हुए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि ये स्पुतनिक मूमेंट है, लेकिन मुझे लगता है कि यह उसके बहुत करीब है.' दरअसल, वह 1957 में सोवियत यूनियन (Soviet Union) के एक सैटेलाइट लॉन्च का जिक्र कर रहे थे. शीत युद्ध के समय इस घटना के बाद अमेरिका के साथ एक 'स्पेस रेस' शुरू हो गई थी. विश्लेषकों का कहना है कि स्पुतनिक लॉन्च की तरह ही चीन के टेस्ट के बाद एक टेक्नोलॉजिकल वॉर की शुरुआत हो सकती है, जो दो देशों को हाइपरड्राइव की ओर धकेल सकता है. मिले ने कहा कि चीन के हथियार सिस्टम का विकास बहुत चिंताजनक था.
रडार सिस्टम से बच सकती है हाइपरसोनिक मिसाइल
पिछले हफ्ते फाइनेंशियल टाइम्स ने बताया कि चीन ने एक नई हाइपरसोनिक हथियार सिस्टम का एक नहीं बल्कि दो टेस्ट किया. विश्लेषकों ने कहा कि ये सिस्टम पेलोड को बहुत तेजी से उनकी जगह तक पहुंचा सकता है. इसके अलावा, ये रडार सिस्टम से बच सकता है और संभावित रूप से वर्तमान अमेरिकी क्षमताओं को पछाड़ सकता है. अखबार ने बताया कि 27 जुलाई को बीजिंग (Beijing) ने एक रॉकेट लॉन्च किया जिसने पहली बार पृथ्वी के चारों ओर एक परमाणु-सक्षम हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन को चलाने के लिए 'फ्रेक्शनल ऑर्बिटल बॉम्बार्डमेंट' सिस्टम को नियोजित किया.
जो बाइडेन ने भी हथियार को लेकर व्यक्त की चिंता
अखबार के मुताबिक, 13 अगस्त को चीन ने दूसरी हाइपरसोनिक मिसाइल का टेस्ट किया. इसने बताया कि चीन के टेस्ट से अमेरिकी हथियार हैरान थे और नई टेक्नोलॉजी की क्षमताओं को समझने में संघर्ष कर रहे थे. मिले की टिप्पणियां दिखाती हैं कि अमेरिकी रक्षा अधिकारी सच में चीन की क्षमताओं से परेशान है. टेस्टिंग की शुरुआती रिपोर्ट्स पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने कहा कि वह इसे लेकर चिंतित हैं. दूसरी ओर, चीन ने हाइपरसोनिक हथियार की टेस्टिंग की बात को नकार दिया है और कहा कि ये एक रियूजेबल स्पेस व्हीकल था.

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