श्रीलंका ने पांच इस्लामिक समूहों पर से प्रतिबंध हटाया

Update: 2023-07-28 03:19 GMT
कोलंबो: श्रीलंका ने चार साल से अधिक समय पहले ईस्टर हमले के सिलसिले में आतंकवाद कानून के तहत प्रतिबंधित 11 इस्लामी समूहों में से पांच पर प्रतिबंध हटा दिया है। रक्षा मंत्री के रूप में राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे द्वारा आतंकवाद निरोधक अधिनियम (पीटीए) के तहत जारी प्रतिबंध को हटाने के लिए एक आदेश जारी किया।
ईस्टर हमले की दूसरी बरसी से एक सप्ताह पहले 13 अप्रैल, 2021 को पीटीए के तहत "चरमपंथी संगठनों पर प्रतिबंध" लगाया गया था। राष्ट्रपति ने यूनाइटेड तौहीद जमात (यूटीजे),तौहीद जमात (सीटीजे), श्रीलंका तौहीद जमात (एसएलटीजे), ऑल सीलोन तौहीद जम्माअथ (एसीटीजे) और जामियाथुल अंसारी सुन्नथुल मोहोमादिया (जेएएसएम) पर से प्रतिबंध हटा दिया।
कैथोलिक चर्च के दबाव के बीच राष्ट्रपति गोटबाया ने संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था। 19 अप्रैल, 2019 को राजधानी कोलंबो में तीन चर्चों और तीन होटलों पर हुए आत्मघाती बम हमलेे हुए थे। हमलों में विदेशियों सहित लगभग 270 लोग मारे गए और 500 से अधिक घायल हो गए। प्रतिबंधित संगठनों में मुख्य आत्मघाती हमलावर से जुड़े लोग भी शामिल हैं, जिसने आठ अन्य लोगों के साथ खुद को मार डाला था।
हमलों की जांच से पता चला कि भारत की खुफिया सेवाओं ने श्रीलंका को सतर्क कर दिया था। लेकिन उस पर अमल नहीं किया गया। श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व पुलिस प्रमुख पुजिथ जयसुंदरा और तत्कालीन रक्षा सचिव हेमासिरी फर्नांडो को हमलों के लिए दोषी ठहराया था, लेकिन अंत में उन्हें बरी कर दिया गया।
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