ब्रिटेन की स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा, भारत के बड़े शहरों में वायु प्रदूषण के चलते कम उम्र में ही लाखों लोगों की मौत
ब्रिटेन में हाल ही में हुए एक नए अध्ययन में सामने आया है कि भारत के बड़े शहरों में वायु प्रदूषण के कारण कम उम्र में लोगों की मृत्यु के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और पिछले कुछ सालों में यह संख्या लगभग एक लाख तक रही है.
फाइल फोटो
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ब्रिटेन (Britain) में हाल ही में हुए एक नए अध्ययन में सामने आया है कि भारत के बड़े शहरों में वायु प्रदूषण के कारण कम उम्र में लोगों की मृत्यु के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और पिछले कुछ सालों में यह संख्या लगभग एक लाख तक रही है. यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) में अनुसंधानकर्ताओं के नेतृत्व में हुए अध्ययन का प्रकाशन पिछले सप्ताह साइंस एडवांसेस में किया गया. इसमें निष्कर्ष निकला है कि तेजी से बढ़ते उष्णकटिबंधीय शहरों में 14 साल में करीब 1,80,000 लोगों की मौत वायु प्रदूषण (Air Pollution) बढ़ने की वजह से हुईं, जिन्हें बचाया जा सकता था.
दक्षिण एशिया के शहरों में वायु प्रदूषण के प्रकोप से कम आयु में लोगों की मृत्यु के मामले बढ़ने की प्रवृत्ति देखी गई और बांग्लादेश के ढाका में ऐसे सर्वाधिक मामले आए, जिनकी संख्या 24 हजार थी. इसके साथ ही भारत के मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई, सूरत, पुणे और अहमदाबाद में ऐसे कुल एक लाख मामले आए हैं.
'भारत के कुछ शहरों में पिछले एक साल में स्थिति ज्यादा बिगड़ी'
प्रमुख अनुसंधानकर्ता डॉ कर्ण वोहरा ने कहा, 'जमीन साफ करने और कृषि की पराली के निस्तारण के लिए जैव ईंधन को खुलेआम जलाना अतीत में उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ने का बड़ा कारण रहा है.' उन्होंने कहा, 'हमारा विश्लेषण कहता है कि हम इन शहरों में वायु प्रदूषण के नए युग में प्रवेश कर रहे हैं और कुछ शहरों में स्थिति एक साल में इतनी बिगड़ रही है जितनी दूसरे शहरों में एक दशक में बिगड़ती है.'
WHO ने भी वायु प्रदूषण के चलते होने वाली मौत का आंकड़ा किया जारी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में एक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें बताया गया है कि दुनिया में वायु प्रदूषण तेजी से फैल रहा है. संगठन ने बताया कि इसकी वजह से कैंसर, हार्ट अटैक जैसी गंभीर बिमारियां पनप रही हैं और कई लोगों को अपना शिकार बना रही है. इसमें बताया गया है कि इसकी वजह से दुनिया में हर रोज 13 लोगों की मौत हो रही हैं. इसके अलावा यह भी अनुमान लगाया गया है कि घरेलू वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से दुनियाभर में हर साल 70 लाखों से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है.