100 कराेड़ साल पुराना केकड़ा मिला वैज्ञानिकों को, न समुद्र और न जमीन पर रहता था, चौंकाने वाले खुलासे

एम्बर में फंसे जीवाश्म हाल के वर्षों में जीवाश्म विज्ञान की सबसे आकर्षक खोजों में से हैं. पे

Update: 2021-10-22 05:50 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एम्बर (Amber)में फंसे जीवाश्म (Fossils) हाल के वर्षों में जीवाश्म विज्ञान की सबसे आकर्षक खोजों में से हैं. पेलियोन्टोलॉजिस्ट्स (Paleontologist) ने हाल ही में एम्बर में संरक्षित एक केकड़े (Crab) के जीवाश्म की पहचान की है, जो लगभग 100 मिलियन वर्ष पुराना है. म्यांमार में इसकी खोज के बाद, जीवाश्म को चीन के युन्नान प्रांत में लॉन्गिंस एम्बर संग्रहालय में संरक्षित किया गया था. यह केकड़ा का सबसे पूर्ण प्रकार है.

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में ऑर्गेनिक एंड इवोल्यूशनरी बायोलॉजी विभाग (Department of Organismic and Evolutionary Biology at Harvard University)में पोस्टडॉक्टरल रिसर्चर जेवियर लुक ने कहा, 'सैंपल शानदार है, यह एक पूर्ण तरह का सैंपल है. केकड़े के शरीर पर एक भी बाल नहीं छूट रहा है, जो गौर करने वाली बात है.'
उत्तरी म्यांमार से उत्पन्न हुए एम्बर सैंपल पर काम कर रहे चीनी, अमेरिका और कनाडाई वैज्ञानिकों ने छोटे केकड़े का नाम क्रेतापसरा अथानता रखा. ये नाम डायनासोर-युग की अवधि का संदर्भित करता है. ग्रीक में इसका अर्थ अमर होता है.
कंप्यूटराइज्ड टोपोग्राफी में देखा जा सकता है कि 100 मिलियन साल पुरान ये जीव 5 मिलीमीटर लंबा है. इसके शरीर के पार्ट स्पष्ट हैं. मुंह के हिस्से में बाल भी है.
रिसर्चर्स का मानना ​​है कि क्रेतापरा न तो समुद्री केकड़ा था और न ही पूरी तरह से भूमि पर रहने वाला. उन्हें लगता है कि यह जंगल के तल पर ताजे पानी, या शायद खारे पानी में रहता होगा. उन्होंने कहा कि यह भी संभव है कि ये जीव भूमि पर पलायन कर रहा थे. बाद में वापस जमीन पर आ गए.
रिसर्चर्स ने कहा कि क्रेतापरा साबित करता है कि डायनासोर युग के दौरान केकड़ों ने समुद्र से जमीन और ताजे पानी में छलांग लगाई थी. इसे सामुद्रिक खोज में अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है.


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