दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों ने सार्स कोव-2 (SARS-CoV-2) के ओमिक्रॉन प्रकार के दो नए उप-वंशावली का पता लगाया है, जो कोविड-19 का कारण बनता है। सेंटर फॉर एपिडेमिक रिस्पांस एंड इनोवेशन दक्षिण अफ्रीका के निदेशक ट्यूलियो डी ओलिवेरा के अनुसार, वंशावली को बीए.4 (BA.4) और (बीए.5) नाम दिया गया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी इसके बारे में अलर्ट करना जरूरी नहीं है क्योंकि महामारी विज्ञान पर इस वायरस के उद्भव के प्रभाव का आकलन करना जल्दबाजी होगी। ट्वीट्स की एक श्रृंखला में डी ओलिवेरा ने कहा कि इस वंशावली ने दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण में बढ़ोतरी नहीं की है और कई देशों के नमूनों में पाए गए हैं।
ओमिक्रॉन बीए.4 और बीए.5 का पता चला
डी ओलिवेरा ने सोमवार को ट्वीट किया- दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, बेल्जियम, जर्मनी, डेनमार्क और यूके में नए ओमिक्रॉन बीए.4 और बीए.5 का पता चला है। शुरुआती संकेत हैं कि ये नया वंश दक्षिण अफ्रीका में जीनोमिक रूप से पुष्टि किए गए मामलों के हिस्से के रूप में बढ़ रहा है। अलर्ट करने का अभी कोई कारण नहीं है। जीनोम के प्रतिशत में वृद्धि के बावजूद बीए.4 और बीए.5 दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण में बढ़ोतरी का कारण नहीं बन रहे हैं। अस्पताल में भर्ती होने और मौतों को लेकर भी ऐसी ही स्थिति है और दक्षिण अफ्रीका में मामले बेहद कम हैं।
डॉ. ओलिविरा ने कहा कि दो वंशों में उनके स्पाइक प्रोटीन पर समान म्यूटेशन होते हैं, वायरस का वह हिस्सा जो वायरस को मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने और संक्रमित करने में मदद करता है, बीए.2 उप-
वंश में जो मूल ओमिक्रॉन स्ट्रेन की तुलना में अधिक संक्रामक लगता है। उन्होंने कहा कि कुछ अतिरिक्त म्यूटेशन भी हैं।
आगे और वैरिएंट उभरना जारी रहेंगे
कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वैरिएंट पहली बार बोत्सवाना और दक्षिण अफ्रीका में पिछले साल नवंबर में खोजा गया था। इससे पहले एक्सई (XE) स्ट्रेन, ओमिक्रॉन का बीए.1 और बीए.2 सब वैरिएंट का एक मिला-जुला रूप भारत सहित कई देशों में सामने आया था। डब्ल्यूएचओ ने हाल के एक अपडेट में कहा है कि दुनिया भर में संचरण के मौजूदा ऊंचे स्तर को देखते हुए यह संभावना है कि इसके मिले-जुले रूप सहित आगे के वैरिएंट उभरना जारी रहेंगे। कोरोना वायरस के बीच पुनर्संयोजन आम है और इसे एक अपेक्षित म्यूटेशन घटना के रूप में माना जाता है।