एस जयशंकर की US-UAE और इजरायल के विदेश मंत्रियों के साथ अहम बैठक, कई मुद्दों पर वार्ता

विदेश मंत्रियों के साथ अहम बैठक

Update: 2021-10-19 11:28 GMT

S Jaishankar Meeting With US, UAE, Isreal Counterparts: भारत, इजरायल, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय फोरम स्थापित करने का फैसला किया है. ये फैसला एक वर्चुअल बैठक में लिया गया. जिसमें भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken), संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मामलों के मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान (Abdullah bin Zayed Al Nahyan) और इजरायल के विदेश मंत्री यायर लैपिड (Yair Lapid) शामिल थे.


सभी नेताओं ने आने वाले महीनों में दुबई में एक्सपो 2020 के दौरान मंत्रियों की एक व्यक्तिगत बैठक आयोजित करने की इच्छा भी जताई है. इस बैठक के दौरान, चारों मंत्रियों ने परिवहन, प्रौद्योगिकी, समुद्री सुरक्षा, अर्थशास्त्र और व्यापार को लेकर चर्चा की. बातचीत के अंत में यह फैसला लिया गया कि प्रत्येक मंत्री वर्किंग ग्रुप के लिए सीनियर-लेवल के प्रोफेश्नल्स की नियुक्ति करेगा. जो इन सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए विकल्प तैयार करेंगे. जयशंकर इन दिनों इजरायल की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं.

ब्लिंकन की बात पर जताई सहमति
जयशंकर ने ट्वीट किया, 'इजरायल के विदेश मंत्री यायर लैपिड, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के साथ पहली बैठक अच्छी रही. आर्थिक विकास और वैश्विक मुद्दों पर एक साथ मिलकर काम करने को लेकर चर्चा की. शीघ्र कदम उठाने पर सहमति बनी है.' जयशंकर ने एक संक्षिप्त टिप्पणी में कहा, 'आप तीनों हमारे सबसे करीबी साझेदारों में से हैं.' उन्होंने ब्लिंकन की इस बात से सहमति जताई कि इस तरह का एक मंच तीन अलग-अलग द्विपक्षीय कार्यक्रमों की तुलना में बहुत बेहतर काम कर सकता है.

पश्चिम एशिया पर भी हुई चर्चा
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि यह बहुत स्पष्ट है कि अपने समय के बड़े मुद्दों पर हम सभी की एक समान सोच है और यह काफी मददगार होगा अगर हम काम करने के लिए कुछ व्यावहारिक चीजों पर सहमत हो सकें.' अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक बयान में बताया कि ब्लिंकन ने तीनों समकक्षों के साथ व्यापार, जलवायु परिवर्तन से निपटने, ऊर्जा सहयोग और समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के जरिए पश्चिम एशिया और एशिया में 'आर्थिक और राजनीतिक सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की.'

तीनों देशों को रणनीतिक साझेदार बताया
उन्होंने कहा कि मंत्रियों ने प्रौद्योगिकी और विज्ञान के क्षेत्र में लोगों के आपसी संबंध बढ़ाने और कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के दौरान विश्व स्तर पर जन स्वास्थ्य का कैसे समर्थन किया जाए, इस पर चर्चा की. ब्लिंकन ने ट्वीट किया कि बैठक में 'क्षेत्र और विश्व स्तर पर चिंता के साझा मुद्दों और हमारे आर्थिक और राजनीतिक सहयोग के विस्तार के महत्व पर चर्चा की.' ब्लिंकन ने एक बयान में, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और भारत को अपने तीन बड़े 'रणनीतिक साझेदार' के रूप वर्णित किया गया है.

ऊर्जा और जलवायु पर भी हुई बात
ब्लिंकन ने कहा, 'नए तरीके से दोस्तों को साथ लाकर, हम इन साझेदारियों को और व्यापक कर रहे हैं. मुझे लगता है कि यह बैठक इसी बारे में है. यहां वाशिंगटन में बैठकर, मैं कह सकता हूं कि इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और भारत हमारे तीन बड़े रणनीतिक साझेदार हैं. ऊर्जा, जलवायु, व्यापार, क्षेत्रीय सुरक्षा आदि इन सभी परस्पर-व्यापक हितों को देखते हुए. यह वास्तव में एक दिलचस्प एवं अच्छा विचार प्रतीत होता है कि इस नई साझेदारी और पूरक क्षमताओं का इस्तेमाल अन्य क्षेत्रों में किया जाए.'

लैपिड ने नेटवर्क बनाने पर दिया जोर
वहीं लैपिड ने कहा, 'जिन चीजों की हम तलाश कर रहे हैं, उनमें से एक है तालमेल और हम इस बैठक के बाद यही कायम करने की कोशिश करेंगे. यह तालमेल ही हमें आगे साथ में काम करने में मदद करेगा. इस मेज पर हमारे पास क्षमताओं, ज्ञान और अनुभवों का एक अनूठा मेल है, जिसका उपयोग एक नेटवर्क बनाने के लिए किया जा सकता है, जिसे हम सभी बनाना भी चाहते हैं.'

ब्लिंकन और लैपिड को कहा शुक्रिया
यूएई के अल नाहयान ने ब्लिंकन और लैपिड का सहयोग को बढ़ावा देने के लिए इस तरह का एक मंच बनाने का विचार रखने के लिए शुक्रिया अदा किया. भारत के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, 'जयशंकर एक पुराने मित्र हैं. साथ ही भारत और यूएई के बीच मजबूत और विविधतापूर्ण संबंध हैं.' इसके बाद, चारों विदेश मंत्रियों ने इस चतुष्पक्षीय सहकारी योजना को वास्तविक रूप देने के वास्ते रणनीति बनाने के लिए बंद कमरे में चर्चा की.
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