जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नाटो, यूक्रेन के माल में हमला, जी-7 समिट, रुसी मिसाइल हमला, रूस-यूक्रेन जंग, जनता से रिश्ता हिंदी न्यूज़, हिंदी न्यूज़, jantaserishta hindi news, NATO, Ukrainian cargo attack, G-7 summit, Russian missile attack, Russia-Ukraine war,
G-7 की बैठक के बीच रूस ने यूक्रेन पर एक बड़ा कहर ढाया। सोमवार को रूस की मिसाइल ने पूर्वी यूक्रेन के एक भीड़ वाले शापिंग माल पर हमला किया। इस खतरनाक हमले में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 40 से अधिक लोग बुरी तरह से घायल हो गए है। एक क्षेत्रीय गवर्नर ने बताया कि यह टोल और भी बढ़ सकता है। जी-7 देशों के नेताओं की यूरोप में उपस्थिति के दौरान रूस, यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले कर रहा है। रविवार को राजधानी कीव पर मिसाइलें दागने के बाद यूक्रेन में सोमवार को रूस का यह दूसरा सबसे बड़ा हमला है।
रैपिड रिएक्शन फोर्स में सैनिक संख्या तीन लाख करेगा नाटो
उधर दूसरी तरफ यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई स्थितियों से निपटने के लिए नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) अपने रैपिड रिएक्शन फोर्स में सैनिकों की संख्या बढ़ाकर तीन लाख करेगा। यह संख्या फिलहाल 40 हजार की है। यह जानकारी नाटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने दी है। नाटो महासचिव का यह बयान मैड्रिड में होने वाली नाटो समिट से ठीक पहले आया है। माना जा रहा है कि इससे संबंधित प्रस्ताव समिट में पेश किया जाएगा और उसे स्वीकृति मिल जाएगी। यह समिट इसी सप्ताह होगी।
समिट में 30 सदस्य देशों के अतिरिक्त जापान, आस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया जैसे सहयोगी देशों के नेता भी भाग लेंगे। स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, संभावना है कि समिट में शामिल होने वाले सदस्य देश वर्तमान समय में रूस को सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा मानने के विचार पर एकमत हो जाएंगे। इसके बाद रूस की ओर से पैदा सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए आवश्यक तैयारियों का फैसला करेंगे। इसी तैयारी के तहत त्वरित कार्रवाई बल का विस्तार एक कदम होगा।
जी-7 शिखर सम्मेलन में नेताओं ने कहा-
वहीं जी-7 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन सभी नेताओं ने यूक्रेन-रूस युद्ध पर बातचीत की। जी 7 देशों के नेता यूक्रेन को 29.5 अरब डालर का आर्थिक पैकेज देने के लिए सहमत हो गए हैं। इस धनराशि से यूक्रेन को 2022 में सरकारी मशीनरी चलाने और रूसी हमले से तबाह हुई आवश्यक जनसुविधाओं को बहाल करने में मदद मिलेगी। जी 7 देशों के नेताओं ने साफ कर दिया है कि यूक्रेन को उनका समर्थन और सहायता जारी रहेगी। साथ ही रूस पर अधिक से अधिक दबाव डालने के लिए उस पर प्रतिबंध लगाने का सिलसिला भी जारी रहेगा।