2016 से 'विदेशी एजेंट' घोषित इस मानवाधिकार संगठन पर रूसी अदालत हुई सख्त, सुनाया यह फैसला
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन रूस के उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को देश के सबसे पुराने एवं प्रमुख मानवाधिकार संगठन पर रोक लगाने का आदेश दिया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन रूस के उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को देश के सबसे पुराने एवं प्रमुख मानवाधिकार संगठन पर रोक लगाने का आदेश दिया है. जनता में इस आदेश को लेकर नाराजगी है तथा इसे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, स्वतंत्र मीडिया एवं विपक्षी समर्थकों के विरूद्ध महीनों से की जा रही दमनात्मक कार्रवाई की अगली कड़ी बताया है.
मेमोरियल अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन है
महाभियोजक कार्यालय ने मानवाधिकार संगठन मेमोरियल का कानूनी दर्जा निरस्त करने के लिए पिछले महीने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी. मेमोरियल एक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन है जिसने सोवियत संघ के दौर में राजनीतिक दमन पर अपने अध्ययन को लेकर ख्याति पायी थी. फिलहाल देश-विदेश में उसके अंतर्गत 50 से अधिक छोटे-बड़े संगठन आते हैं.
अदालत ने मंगलवार को अभियोजन के पक्ष में फैसला दिया था. अभियोजन पक्ष ने सुनवाई के दौरान आरोप लगाया था कि मेमोरियल 'सोवियत संघ' की आतंकवादी राज्य की गलत छवि गढ़ता है तथा नाजी अपराधियों की करतूतों पर पर्दा डालकर कर उनका पुनर्वास करता है.
इसी संगठन को 2016 में 'विदेशी एजेंट' घोषित किया गया था
मेमोरियल को 2016 में 'विदेशी एजेंट' घोषित किया गया था. यदि किसी संस्था को विदेशी एजेंट घोषित कर दिया जाता है तो सरकार उस पर कड़ी निगाह रखती है और उसके कामकाज की अतिरिक्त समीक्षा की जाती है जिससे संबंधित संगठन की साख गिरती है. अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि इस संगठन ने उन नियमों का उल्लंघन किया जो विदेशी एजेंट घोषित होने के बाद किसी संगठन को पालन करने चाहिए और इस संबंध में अपनी इस पहचान को भी छिपाया.
मेमोरियल और उसके समर्थकों ने सरकार के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया. संगठन के नेताओं ने अदालत के रोक लगाने के आदेश के बाद भी अपनी गतिविधियां जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई है.