Sri Lanka में राष्ट्रपति चुनाव कराने की याचिका खारिज

Update: 2024-07-08 13:13 GMT
Sri Lanka : श्रीलंका में रविवार को राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चुनाव आयोग के अध्यक्ष आर.एम.ए.एल. रत्नायके ने बताया कि देश में 17 जुलाई के बाद कभी भी चुनाव की घोषणा की जा सकती है। लेकिन अब Supreme Court में Presidential Election देर से कराने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई है जिसे पांच सदस्यों की पीठ ने अटॉर्नी जनरल की दलीलों के आधार पर आगे बढ़ने की अनुमति दिए याचिका खारिज कर दी है। दरअसल पिछले हफ्ते, एक व्यक्ति ने
मौलिक अधिकारों
के लिए एक याचिका दायर की, जिसमें न्यायालय से संविधान में अनुच्छेद 30(2) और 82 से संबंधित राष्ट्रपति के कार्यकाल में अस्पष्टता पर स्पष्टीकरण दिए जाने तक चुनाव को रोकने का आग्रह किया था। बता दें कि अनुच्छेद 30(2) ने 2015 में अपनाए गए 19वें संशोधन के अनुसार राष्ट्रपति के कार्यकाल को छह से पांच साल तक सीमित कर दिया गया था।
वहीं संविधान के अनुच्छेद 82 को बदलने के लिए कोई जनमत संग्रह नहीं किया गया था, जिसमें कहा गया है कि जनमत संग्रह के माध्यम से
राष्ट्रपति
के कार्यकाल को छह साल तक बढ़ाया जा सकता है। इसलिए याचिकाकर्ता ने राष्ट्रपति के कार्यकाल पर स्पष्टता मांगी। इस मामले में अटॉर्नी जनरल ने तर्क दिया कि राष्ट्रपति के कार्यकाल को लेकर कोई अस्पष्टता नहीं है, जो कि पांच साल का होता है। इससे पहले देश के चुनाव आयोग ने संकेत दिया है कि राष्ट्रपचि चुनाव 17 सितंबर से 16 अक्टूबर के बीच के समय पर होंगे। वहीं रविवार को श्रीलंका के चुनाव आयोग ने कहा है कि वह इस महीने के अंत से पहले अगले राष्ट्रपति चुनाव के तारीख की घोषणा करेगा। जबकि चुनाव आयोग के अध्यक्ष आर.एम.ए.एल. रत्नायके ने कहा कि चुनाव आयोग को 17 जुलाई के बाद चुनाव की तारीख घोषित करने का कानूनी अधिकार होगा।
17 करोड़ से ज्यादा लोग करेंगे चुनाव में मतदान
चुनाव आयोग के अध्यक्ष रत्नायके ने आगे कहा कि चुनाव आयोग वर्तमान में 2024 के चुनावी रजिस्टर को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है, जो चुनाव का आधार होगा। अधिकारियों ने कहा कि संशोधित सूची के अनुसार 17 करोड़ से अधिक लोग चुनाव में मतदान करने के पात्र होंगे। वहीं देश में विपक्ष ने मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे पर चुनाव को स्थगित करने और हारने के डर से अपना राष्ट्रपति पद जारी रखने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। जबकि राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने पिछले सप्ताह पुष्टि की थी कि चुनाव योजना के अनुसार ही होंगे।
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