नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को सऊदी अरब से मिले तीन अरब डॉलर का कर्ज, पर 4% है ब्याज दर

कर्ज के सहारे तंगहाल पाकिस्तान को आर्थिक तंगी से उबारने के लिए इमरान खान ने सऊदी अरब से तीन अरब डॉलर कर्ज लिए हैं।

Update: 2021-12-05 03:00 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कर्ज के सहारे तंगहाल पाकिस्तान को आर्थिक तंगी से उबारने के लिए इमरान खान ने सऊदी अरब से तीन अरब डॉलर कर्ज लिए हैं। नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को सऊदी अरब से वित्तीय सहायता के रूप में शनिवार को तीन अरब डॉलर मिल गए हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। पाकिस्तान ने अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए सऊदी अरब से सहायता मांगी थी। यह राशि उसी का हिस्सा है। लेकिन यहां बताना जरूरी है कि पाकिस्तान को 4 फीसदी के ब्याज दर पर यह पैसे मिले हैं।

दरअस, दक्षिण एशियाई देश पाकिस्तान उच्च मुद्रास्फीति, घटते विदेशी मुद्रा भंडार, बढ़ते चालू खाते के घाटे और एक घटती करेंसी वैल्यू के साथ बढ़ती आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के आधार पर पाकिस्तान का कुल तरल विदेशी भंडार 22,498 अरब डॉलर है।
पाकिस्तान को सऊदी अरब से वित्तीय सहायता प्रधानमंत्री इमरान खान के रियाद दौरे और युवराज मोहम्मद बिन सलमान के साथ बातचीत करने के एक महीने से अधिक समय बाद मिली है। वार्ता के बाद सऊदी अरब पाकिस्तान को 4.2 अरब डॉलर की सहायता प्रदान करने के लिए सहमत हुआ था, जिसमें से तीन अरब डॉलर को पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक में जमा के रूप में स्थानांतरित किया जाना था।
वित्त और राजस्व पर प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार शौकत तरीन ने पुष्टि की कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) को सऊदी अरब से तीन अरब डॉलर की राशि प्राप्त हुई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के वित्त सलाहकार शौकत तरीन ने एक ट्वीट में कहा कि मैं इसके लिए क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और सऊदी अरब के साम्राज्य को धन्यवाद देना चाहता हूं।
सऊदी अरब से यह ऋण एक वर्ष के लिए 4% ब्याज दर पर पैकेज की शर्तों के तहत पाकिस्तान को मिला है, जिस पर पिछले महीने हस्ताक्षर किए गए थे। पाकिस्तान सरकार का मानना है कि इस समझौते से पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूती मिलेगी और कोरोना वायरस के कारण हुए नुकसान की भरपाई की जा सकेगी। सरकार ने इसे दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंध के तौर पर बताया है और कहा है कि यह दोनों देश के बीच आर्थिक संबंधों को और बढ़ाएगा।
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