जम्मू-कश्मीर में जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन से तिलमिलाया पाकिस्‍तान, पुराना राग अलापा

जम्मू-कश्मीर में जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन को लेकर पाकिस्तान तिलमिला गया है।

Update: 2022-06-26 00:57 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जम्मू-कश्मीर में जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन को लेकर पाकिस्तान तिलमिला गया है। पाकिस्तान ने शनिवार को कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में जी-20 देशों की बैठक आयोजित करने के भारत के प्रस्ताव को खारिज करता है। साथ ही उम्मीद करता है कि समूह के सदस्य देश कानून और न्याय की अनिवार्यता से पूरी तरह परिचित होंगे और वे इस प्रस्ताव का मिलकर विरोध करेंगे।

अनुच्‍छेद 370 को हटाने के बाद पहला बड़ा शिखर सम्‍मेलन
जी-20 देशों का प्रभावशाली समूह दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है। जम्मू और कश्मीर जी -20 की 2023 बैठकों की मेजबानी करेगा। गुरुवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर प्रशासन ने इसके लिए समग्र समन्वय के लिए पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति की स्थापना की घोषणा की। संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा वापस लेने और अगस्त 2019 में तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद जम्मू-कश्मीर में आयोजित होने वाला यह पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन होगा।
पाकिस्‍तान ने पुराना राग अलापा
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार अहमद ने एक बयान में कहा कि इस्लामाबाद ने भारतीय मीडिया में आने वाली खबरों का संज्ञान लिया है। इससे संकेत मिलता है कि भारत जम्मू-कश्मीर में जी-20 से संबंधित कुछ बैठकें आयोजित करने पर विचार कर रहा है। पाकिस्तान भारत के ऐसे किसी भी प्रस्ताव का विरोध करता है।
5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद करने के भारत द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। भारत के फैसले पर पाकिस्तान से कड़ी प्रतिक्रिया हुई। जिसने राजनयिक संबंधों को लगभग तोड़ दिया था। यहां तक कि भारतीय दूत को निष्कासित कर दिया। पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार भी रोक दिया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार मुंहकी खा चुका है पाकिस्‍तान
अपनी पुरानी घिसी-पिटी बातों को दोहराते उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है। काफी लंबे समय से यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में बना हुआ है। गौरतलब है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार मुंहकी खाने के बाद भी जम्मू-कश्मीर का राग अलापना नहीं छोड़ रहा है। जबकि, भारत स्पष्ट कर चुका है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।
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