चीनी की भारी कमी से जूझ रहा है पाकिस्तान, भारत से क्यों नहीं खरीद रहा है सस्ती चीनी?
चीनी उ्दयोग के एक संगठन ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान यदि भारत के साथ व्यापार शुरू कर दे तो उसे सस्ती चीनी मिल सकती है
चीनी उ्दयोग के एक संगठन ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान यदि भारत के साथ व्यापार शुरू कर दे तो उसे सस्ती चीनी मिल सकती है और आगामी रमजान के महीने से पहले वहां कीमतों पर काबू पाया जा सकता है. भारत से आयात करने पर पाकिस्तान को जल्दी चीनी मिल सकती है, जो चीनी की भारी कमी से जूझ रहा है.
पाकिस्तान में उत्पादन में कमी के चलते चीनी की खुदरा कीमत 100 पाकिस्तानी रुपए प्रति किलोग्राम तक बढ़ गई है. पाकिस्तान आर्थिक समन्वय समिति (ECC) ने सरकार से उपलब्धता बढ़ाने के लिए पांच लाख टन सफेद चीनी के आयात की अनुमति देने की सिफारिश की है. पिछले हफ्ते, दोनों देशों के बीच व्यापार फिर से खुलने की उम्मीद जगी थी. हालांकि, भारत से चीनी और कपास के आयात की अनुमति देने के पाकिस्तान ECC के फैसले को पाकिस्तान के मंत्रिमंडल ने रोक दिया.
5 लाख टन चीनी की कमी
पाकिस्तानी व्यापारियों के अनुसार पड़ोसी देश में 2020-21 के विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) में 56 लाख टन चीनी उत्पादन की उम्मीद है, जबकि मांग के मुकाबले पांच लाख टन की कमी हो सकती है. अखिल भारतीय चीनी व्यापारी संघ (एआईएसटीए) के अध्यक्ष प्रफुल्ल विठलानी ने कहा कि भारत, पाकिस्तान की चीनी की कमी को आसानी से पूरा कर सकता है. उन्होंने कहा, ''यदि व्यापार फिर से शुरू हुआ तो इसमें दोनों देशों का फायदा है. मैं कहना चाहता हूं कि मानव उपभोग की आवश्यक वस्तुओं को राजनीति से दूर रखना चाहिए.''
60 दिनों में पहुंचने वाली चीनी 5 दिनों में पहुंच जाएगी
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में पंजाब के रास्ते सड़क मार्ग से चीनी 398 डॉलर प्रति टन की दर से (भाड़ा सहित) पहुंचाई जा सकती है और यह दर समुद्र मार्ग से दूसरे देशों से आने वाली चीनी के मुकाबले 25 डॉलर प्रति टन सस्ती है. उन्होंने कहा कि ब्राजील से पाकिस्तान तक चीनी पहुंचाने में 45-60 दिनों का समय लगता है, जबकि भारत से चार दिनों में वहां चीनी पहुंचाई जा सकती है.