पाकिस्तान को अब 35 देशों ने दिखाया आईना, पूछा- क्या हमारे लिए सुरक्षित हैं पाकिस्तान की गलियां
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में रह रहे 35 देशों के राजनयिकों ने खराब कानून-व्यवस्था व बढ़ते अपराध पर गहरी चिंता जताई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में रह रहे 35 देशों के राजनयिकों ने खराब कानून-व्यवस्था व बढ़ते अपराध पर गहरी चिंता जताई है। पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया है कि पूर्वी व दक्षिणपूर्व एशिया, मध्य एशिया, पश्चिम एशिया व अफ्रीकी देशों के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने सोमवार को इस्लामाबाद पुलिस के अधिकारियों से मुलाकात कर कानून-व्यवस्था की स्थितियों पर चर्चा की।
सीलिंग पर चिंता जताई
ऐसी ही एक बैठक मंगलवार को भी होनी थी, लेकिन इस्लामाबाद पुलिस प्रमुख के मौजूद नहीं होने के कारण उसे स्थगित करना पड़ा। कुछ दूतावास के सुरक्षा अधिकारियों ने सोमवार को ब्रीफिंग के दौरान इस्लामाबाद में सड़कों की नाकेबंदी व रेड जोने की सीलिंग पर चिंता जताई, जिसके कारण उन्हें आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
व्यापक घेरेबंदी से चिंता
ऐसा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के विरोध मार्च के मद्देनजर किया गया है, जिसकी वजह से राष्ट्रीय राजधानी में गत दिनों बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। इसी के मद्देनजर इस्लामाबाद स्थित डिप्लोमैटिक एन्क्लेव से हवाईअड्डे तक के रास्ते में व्यापक घेरेबंदी करते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
उठाए जा रहे सुरक्षा संबंधी कदम
पाकिस्तानी समाचार पत्र के अनुसार, दूतावासों के अधिकारियों ने अपनी शिकायत में कहा है कि सुरक्षा उपायों के बारे में उन्हें अंतिम समय तक नहीं बताया गया। यहां तक कि अधिकारियों ने पुलिस से पूछा था कि अगर सुरक्षा संबंधी कदम उठाए जा रहे हैं, तो उन्हें पहले बताया जाय ताकि उसके अनुरूप कार्यक्रमों में तब्दीली की जा सके।
सुरक्षा-व्यवस्था पर जताई चिंता
दूतावासों के अधिकारियों ने सुरक्षा-व्यवस्था पर चिंता जताते हुए पूछा कि क्या इस्लामाबाद की गलियां उनके घूमने के लिए सुरक्षित हैं। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार देश अपनी राजधानी में अपराध के आंकड़े एक-दूसरे से साझा करते हैं।
गरजे इमरान
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री व पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआइ) के अध्यक्ष इमरान खान ने मंगलवार को शहबाज शरीफ सरकार पर झूठे आरोपों में उन्हें सलाखों के पीछे डालने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कि कहा कि उनकी पार्टी का 'वास्तविक स्वतंत्रता' का आंदोलन तब तक नहीं रुकेगा जब तक शहबाज सरकार चुनाव कराने की घोषणा नहीं कर देती।