मंकीपॉक्स के मरीजों में दिख रहे नए लक्षण, प्राइवेट पार्ट्स में आई सूजन

इनमें 70 फीसदी मामले यूरोप और 25 फीसदी अमेरिका में पाए गए हैं।

Update: 2022-07-30 06:49 GMT

कुछ जगहों को छोड़ दें तो अब ज्यादातर लोगों के बीच से कोरोना वायरस का डर कम हो गया है। लेकिन एक नई मुसीबत धीरे-धीरे अपने पैर पसार रही है। बात मंकीपॉक्स की हो रही है जिसने भारत में भी कदम रखना शुरू कर दिया है। ब्रिटेन में एक बार फिर मंकीपॉक्स के मामले बढ़ने के बीच खबर आ रही है कि वैज्ञानिकों ने वायरस के एक नए दर्दनाक लक्षण का पता लगाया है। आकड़ों के मुताबिक 28 जुलाई तक ब्रिटेन में 2,469 मामले सामने आए थे। चिंता की बात यह है कि अब मंकीपॉक्स ने लोगों की जान लेना भी शुरू कर दिया है।



एक ओर मंकीपॉक्स के केस बढ़ रहे हैं तो वहीं ब्रिटिश मेडिकल जर्नल की एक नई स्टडी का दावा है कि वायरस की चपेट में आने वालों में आम लक्षण नहीं दिख रहे हैं। मंकीपॉक्स के मरीजों में एनस में दर्द और पेनिस में सूजन जैसे कुछ नए लक्षण पाए जा रहे हैं। ये लक्षण वायरस के पिछले, मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका, प्रकोप में नहीं देखे गए थे। अध्ययन के लेखकों ने कहा कि नए निष्कर्ष समलैंगिक, बाइसेक्सुअल और दूसरे पुरुषों, जिन्होंने वायरस प्रभावित देशों के पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाए हों, के बीच मंकीपॉक्स के कम्युनिटी ट्रांसमिशन की पुष्टि करते हैं।


यूरोप में मंकीपॉक्स ने ली पहली जान
वायरस का कहर यूरोप में भी देखने को मिल रहा है जहां मंकीपॉक्स से पहली मौत दर्ज की गई है। संक्रमण के शुरुआती मामलों को रिपोर्ट करने वाले स्पेन में मंकीपॉक्स से पहली मौत हुई है। इससे पहले संक्रमण से मरने वाले पांचों लोग अफ्रीकी देशों से थे। स्पेन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि अब तक 4,298 मामले सामने आ चुके हैं। वायरस से मरने वाले मरीज के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। स्पेन में मंकीपॉक्स के सभी पुष्ट मामलों में सिर्फ 64 महिलाएं हैं।

साउथ अमेरिका में वायरस से पहली मौत
साउथ अमेरिका में भी मंकीपॉक्स से पहली मौत दर्ज की गई है। शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने ब्राजील के एक शख्स के संक्रमण से मरने की जानकारी दी। 41 साल के शख्स को गुरुवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने उसका नाम उजागर नहीं किया है। वह मंकीपॉक्स की चपेट में कैसे आया और वह कब से संक्रमित था, इस बारे में बेहद कम जानकारी ही उपलब्ध है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार शुक्रवार तक कुल 22,124 मामले सामने आए थे। इनमें 70 फीसदी मामले यूरोप और 25 फीसदी अमेरिका में पाए गए हैं।

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