दुनिया के लिए बेहद खतरनाक चीन पाकिस्तान के बीच नया परमाणु समझौता, जानिए डील की खास बातें

पाकिस्तान और चीन के बीच नए परमाणु समझौते को लेकर दुनिया भर के एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह दुनिया को नए सिरे से परमाणु संघर्ष की ओर धकेल देगा।

Update: 2021-09-18 06:09 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान और चीन के बीच नए परमाणु समझौते को लेकर दुनिया भर के एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह दुनिया को नए सिरे से परमाणु संघर्ष की ओर धकेल देगा। सेंटर ऑफ़ पॉलिटिकल एंड फॉरेन अफेयर्स थिंक टैंक ग्रुप के प्रमुख फैबियन बॉसार्ट ने इसे एक खतरनाक परमाणु समझौता बताया है।

बता दें कि 8 सितंबर को पाकिस्तान एटॉमिक एनर्जी कमीशन (PAEC) और चीन झोंगयुआन इंजीनियरिंग सहयोग द्वारा गहन परमाणु ऊर्जा सहयोग पर रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ यह समझौता अगले 10 सालों तक के लिए वैध रहेगा। समझौते में न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर, यूरेनियम खनन और प्रसंस्करण, न्यूक्लियर फ्यूल की आपूर्ति और रिसर्च रिएक्टर्स की स्थापना की बात कही गई है, जिससे पाकिस्तान को अपने परमाणु हथियारों के भंडार को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
बॉसार्ट ने बताया है कि चीन के लिए एक उन्नत न्यूक्लियर पाकिस्तान भारत की सैन्य ताकत का मुकाबला करने के लिए एक भावी रणनीति के तहत है। पाकिस्तान में चार नए प्लांट तैयार हैं। दो प्लांट कराची (K4/K5) और दो प्लांट मुजफ्फरगढ़ (M1/M2) में हैं। इन चारों प्लांट में चीन की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके साथ ही चीन पाकिस्तान के सभी न्यूक्लियर पॉवर प्लांट्स के संचालन और रखरखाव में अपनी भागीदारी और मजबूत करेगा। भविष्य में चीन और पाकिस्तान के बीच कई और न्यूक्लियर समझौते संभव हैं।
अभी हुए समझौते की पांच प्रमुख बातें जानिए-
#1
यूरेनियम की खोज और खनन और कर्मियों का प्रशिक्षण।
#2
लाइफटाइम न्यूक्लियर फ्यूल की सप्लाई और शुरुआती फ्यूल भरने वाले असेंबली और संबंधित कोर चीजों की सप्लाई।
#3
छोटे न्यूट्रॉन सोर्स रिएक्टर की स्थापना।
#4
रेडियोएक्टिव मैनेजमेंट पर काम करना। इसमें रेडियोएक्टिव वेस्ट ट्रांसपोर्ट, डिस्पोजल और रेडिएशन सुरक्षा उपाय आदि शामिल हैं।
#5
न्यूक्लियर मेडिसिन, विकिरण प्रोसेसिंग, रेडियोफार्मास्युटिकल्स, रेडियोएक्टिव सोर्सेज की सप्लाई सहित सहित न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन के क्षेत्र में काम होंगे।
चीन और पाकिस्तान के बीच परमाणु सहयोग साल 1986 से चला आ रहा है। चीन ने सालों से पाकिस्तान के लिए टेक्नोलॉजी और सामग्री की आपूर्ति के लिए कई समझौते किए हैं। सितंबर 2021 का समझौता इसी सहयोग का विस्तार है जिससे अतिरिक्त यूरेनियम, न्यूक्लियर वेस्ट मैनेजमेंट, न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी एप्लीकेशंस की स्थापना करके पाकिस्तान की न्यूक्लियर इंडस्ट्री चेन को मजबूत करने में मदद मिलती है।


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