नासा के लैंडर ने मंगल ग्रह पर रिकॉर्ड किए भूकंप के झटके

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के इनसाइट लैंडर ने बीते महीने मंगल ग्रह की सतह पर दो मजबूत भूकंप के झटके रिकॉर्ड किए हैं.

Update: 2021-04-03 10:16 GMT

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (National Aeronautics and Space Administration) के इनसाइट लैंडर (InSight Lander) ने बीते महीने मंगल ग्रह की सतह पर दो मजबूत भूकंप के झटके रिकॉर्ड किए हैं. मिशन कंट्रोल के अनुसार, इनकी तीव्रता 3.3 और 3.1 दर्ज की गई है. ये झटके Cerberus Fossae नामक क्षेत्र में आए थे. ये वही स्थान है, जहां इस मिशन के शुरुआत में भी दो मजबूत भूकंप के झटकों का पता चला था.

इनकी तीव्रता 3.6 और 3.5 दर्ज की गई थी. लैंडर ने नवंबर 2018 में मंगल की सतह पर उतरने के बाद से अब तक 500 से अधिक भूकंप के झटके रिकॉर्ड किए हैं (Nasa InSight Spacecraft). इस इनसाइट लैंडर का काम मंगल की सतह और गर्भ में आने वाले भूकंप की जानकारी देना है. ये सतह पर उतरने के बाद से मंगल ग्रह पर आने वाले भूकंप (Quakes on MARS) की जानकारी एकत्रित कर नासा को भेज रहा है.

भूकंपीय दृष्टि से सक्रिय क्षेत्र
नासा की जेट प्रोपल्सन लैब ने कहा है कि भूकंप की इन खबरों से पता चलता है कि Cerberus Fossae भूकंपीय दृष्टि से सक्रिय है. नासा के जेपीएल ने एक बयान में कहा है, 'इनसाइट ने अभी तक 500 से अधिक भूकंप रिकॉर्ड किए हैं. लेकिन क्लियर सिग्नल होने की वजह से ये चार भूकंप लाल ग्रह की आंतरिक तौर पर जांच के लिए सबसे बेहतर हैं.' मंगल से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए इनसाइट की टीम इन भूकंपों पर अध्ययन कर रही है.
मंगल की सतह भी हिलती है
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि मंगल पर धरती की तरह टेक्टोनिक प्लेट्स नहीं होतीं लेकिन फिर भी यहां ज्वालामुखीय रूप से सक्रिय क्षेत्र हैं, जो सतह को हिला सकते हैं. फ्रांस के एक इंस्टीट्यूट (de Physique du Globe de Paris) में काम करने वाले ताइची क्वामपुरा, जिन्होंने इनसाइट के सीस्मोमीटर में मदद की थी, कहते हैं कि मिशन में मंगल पर आए दो अलग तरह के भूकंप की जानकारी एकत्रित की है. ताइची ने कहा कि एक मार्सक्वैक अधिक 'चंद्रमा जैसा' था. जबकि दूसरा 'धरती जैसा' था.
सभी 4 भूकंप धरती जैसे
नासा की जेपीएल वेबसाइट ने ताइची के हवाले से बताया है, 'दिलचस्प बात ये है कि ये चार बड़े भूकंप के झटके Cerberus Fossae में आए हैं, सभी धरती के जैसे थे.' अब इस मिशन की टीम ने आंशिक रूप से केबल को इंसुलेट करने की कोशिश शुरू कर दी है, जो सीस्मोमीटर को लैंडर से जोड़ता है. लैंडर में लगे स्कूप का इस्तेमाल हवा और थर्मल शील्ड पर मिट्टी गिराने के लिए किया जाता है. जो बाद में केबल पर आकर गिरती है.


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