बहस के दौरान सांसदों ने संशोधन पेश किये

Update: 2023-07-07 05:24 GMT

बहस के दौरान राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खेमे के सांसदों ने संशोधन भी पेश किए, जिसमें जासूसी प्रावधान के किसी भी इस्तेमाल को न्यायाधीश द्वारा अनुमोदित करने और नज़र की अवधि 6 माह से अधिक न करने की मांग रखी.

फ्रांस की पुलिस अब टेलीफोन समेत अन्य उपकरणों से अपराधों में लिप्त संदिग्ध आरोपियों की जासूसी कर सकेगी. संसद में बहस के बीच कानून विदों ने इस मुद्दे पर अपनी सहमति दे दी है. फ्रांसीसी पुलिस को संदिग्धों के टेलीफोन और अन्य उपकरणों के कैमरे, माइक्रोफोन और जीपीएस को एक्टिव करके उनकी जासूसी करने की अनुमति मिल गई है. न्याय सुधार विधेयक के अनुसार जासूसी प्रावधान को लेकर फ्रारंस में वामपंथी और अन्य अधिकार रक्षकों की ओर से विरोध किया गया था.

कानून में क्या-क्या प्रावधान

बहस के दौरान राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खेमे के सांसदों ने संशोधन भी पेश किए, जिसमें जासूसी प्रावधान के किसी भी इस्तेमाल को न्यायाधीश द्वारा अनुमोदित करने और नज़र की अवधि 6 माह से अधिक न करने की मांग रखी. लैपटॉप, कारों और अन्य जुड़ी वस्तुओं के साथ-साथ टेलीफोन को भी कवर करते हुए, यह तरीका कम से कम पांच वर्ष की कारागार की सजा वाले अपराधों में संदिग्धों के जियोलोकेशन की अनुमति देगा. आतंकी अपराधों के साथ-साथ क्राइम और संगठित क्राइम के संदिग्ध लोगों की आवाज़ और छवियों को रिकॉर्ड करने के लिए उपकरणों को दूर से भी एक्टिव किया जा सकता है.

पुलिस फायरिंग में 17 वर्ष के नाहेल की मृत्यु के बाद फ्रांस में फैली अशांति एक सप्ताह बाद कम होती दिख रही है. 30 जून को हुई हिंसा के दौरान रात भर में 3880 लोगों को अरैस्ट किया है. अपने राष्ट्र को जलता देख फ्रांस के मूल निवासी सड़कों पर उतर आए हैं. अपने राष्ट्र को बचाने के लिए फ्रांसिसी लोग शरणार्थियों और प्रवासियों से भिड़ गए हैं. फ्रांस के लोग दंगाईयों से अपने राष्ट्र की रक्षा करना चाहते हैं.  

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