कोविड-19 महामारी ने बदली दुनिया की चाल, कोरोना के चलते कई देशों में शराब यूं परोसने लगे हैं रोबोट
कोविड-19 महामारी ने दुनिया को बहुत बदल कर रख दिया है
कोविड-19 (Covid-19) महामारी ने दुनिया को बहुत बदल कर रख दिया है. जहां इस महामारी ने दुनिया की अर्थ व्यवस्था को धीमा किया है तो उसके साथ ही व्यवसायी तौर तरीकों में भी बदलाव देखने को मिल रहे हैं. दक्षिण कोरिया में सोशल डिस्टेंसिंग खत्म होता नहीं दिख रहा था. वहां अब बार (Bars) में बारटेंडर इंसान नहीं बल्कि रोबोट होने लगे हैं. अमेरिका में भी रोबोटिक बार टेंडर (Robotic Bar Tenders) दिखने लगे हैं. अभी तक यहां के बार मालिक इनके महंगे होने कारण इन्हें खरीदने से कतराते थे, लेकिन अब कंपनियां खुद ही इनकी कीमतों को कम करने पर काम रही हैं. और ये अब मिलने भी लगे हैं.
सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से
इन रोबो बार टेंडर इंसानों से बहुत बेहतर और ज्यादा कारगर तरीके से काम करते हैं. मिसाल के तौर पर कोरिया के बार में काम करने वाला रोबोट बहुत ही कम समय में इंसानों की ही तरह से बोतलें उछाल कर बर्फ काटकर कॉकटेल बना लेता है. कोरिया में अब कोविड-19 की वजह से आई सख्त सोशल डिस्टेंसिंग की जगह सरकार द्वारा प्रोत्साहित "डिस्टेंसिंग इन डील लाइफ" ले रही है.
इंसानी बार टेंडर वाली फीलिंग
कोरिया में जो रोबो बारटेंडर काम कर रहे हैं वे काफी कुछ इंसानों का सा अहसास देने का प्रयास करते हैं. उनके कॉकटेल बनाने के तरीके भी काफी कुछ वैसे ही हैं जैसे इंसानी बार टेंडर के होते हैं इतना ही नहीं, वे ग्राहकों से कुछ चुनिंदा कोरियन भाषा में खूबसूरत अंदाज में बात भी करते दिखाई देते हैं.
शुरुआत तो पहली ही हो गई थी
इन कोरियान बारटेंडर को यहां कैबो कहा जाता है, साल 2017 में इनकी शुरुआत हुई थी. लेकिन अब कोरोना वायरस के कारण इनकी संख्या तेजी से बढ़ती दिख रही है जिससे मनोरंजन के लिए बार में लोगों को बिना सोशल डिस्टेंसिंग की चिंता किए, आने का मौका मिल सके.
कम हो रही है इनकी कीमतें
ऐसा ही कुछ लास वेगास के बार में टिप्सी रॉबोट भी कर रहे हैं, बस फर्क इतना है कि वे इंसानों की तरह नहीं दिखते हैं. अभी तक इनकी कीमतें 10 लाख डॉलर से भी ज्यादा थी, लेकिन हाल ही में मैकर शैकर ने केवल एक लाख 15 हजार डॉलर की ड्रिंग सर्विंग मशीन बनाई है. एक न्यूयॉर्क के स्टार्टअप ने तो जदल्दी ही केवल ढाई हजार में माइक्रोवेव के आकार का रोबोट बारटेंडर उपलब्ध कराने का वादा किया है. इतना ही नहीं इनका घरेलू संस्करण तो केवल एक हजार पचास डॉलर है.
सुरक्षा का अहसास
कोरिया के मानव बारटेंडर चोई वुन वू का कहना है कि चूंकि जगह इंसानों से भरी रहती है, ग्राहक बहुत ही असहज महसूस करता है. वू को लगता है कि रोबोट के होने से ग्राहक ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगे. जो इंसानी बार टेंडर के सर्व करने से महसूस नहीं किया जा सकता है.
यह खामी भी
फिर भी ऐसा नहीं है कि ग्राहक इन रोबो बारटेंडर से हर तरह से खुश हैं. कई लोगों को मानना है कि रोबोट बारटेंडर से आप बात नहीं कर सकते. यह काफी निराशाजनक हो सकता है. बार में जाकर कई बार ग्राहक उम्मीद करते हैं वे ड्रिंक्स के बार में बात करें उनके बारे में संदेह दूर करें. ऐसा रोबो बार टेंडर कर सकेंगे अभी मुश्किल ही दिखता है.
एक सवाल यह भी है कि क्या इससे लोगों की नौकरी खत्म होने लगेगी. जहां इस तरह की दुनिया में रोबो वेटर्स बनने से भी है, वहीं कुछ बार मालिकों का कहना है कि बात स्टाफ बदलने की नहीं बल्कि बेहतर सेवाएं देने की है. इंसानी बारटेंडर का फिर भी बार में बहुत काम निकल सकता है. लेकिन उम्मीद की जा रही है कि रोबो बारटेंडर का बाजार बढ़ना तय है. और समय के साथ वे और बेहतर हो सकेंगे.