इजरायल का पेगासस विवाद के बाद बड़ा फैसला, 65 देशों को नहीं बेचेगा अपनी साइबर टेक्नोलॉजी- रिपोर्ट

NSO कंपनी के हैकिंग टूल को लेकर हुए विवाद के बाद इजरायल ने अपनी साइबर निर्यात नीति में बदलाव का फैसला किया है.

Update: 2021-11-26 05:04 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। NSO कंपनी के हैकिंग टूल को लेकर हुए विवाद के बाद इजरायल (Israel) ने अपनी साइबर निर्यात नीति में बदलाव का फैसला किया है. अब इजरायल ने साइबर तकनीक खरीदने की अनुमति प्राप्त देशों की सूची में कटौती की है. इस बात की जानकारी इजरायली अखबार ने गुरुवार को दी है. NSO के खिलाफ एप्पल (Apple) समेत बड़ी टेक कंपनियों ने मुकदमा दायर किया है. साथ ही NSO पर उनके ग्राहकों का डेटा भी जोखिम में डालने के आरोप लगाए हैं.

रॉयटर्स ने इजरायल के अखबार के हवाले से लिखा है कि इजरायली साइबर टेक आयात करने वाले देशों की संख्या 102 से कम कर केवल 37 हो गई है. खबर है कि मैक्सिको, मोरक्को, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात पर तकनीक खरीदने पर रोक लगाई गई है. इस मामले पर इजरायल के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि उन्होंने निर्यात लाइसेंस में दर्ज इस्तेमाल की शर्तों का उल्लंघन होने पर 'उचित कदम' उठाए हैं.
जुलाई में कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने NSO के पेगासस टूल से जुड़ी खबरें दिखाई थीं. कहा गया था कि इसका इस्तेमाल पत्रकारों, सरकारी अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन को हैक करने में किया जा रहा है. इसके बाद से ही इजरायल पर इस टूल के नियंत्रण को लेकर काफी दबाव था. इन रिपोर्ट्स के चलते इजरायल को अपनी साइबर एक्सपोर्ट नीति की समीक्षा करनी पड़ी.
हालांकि, NSO ने किसी भी तरह के गलत काम की बात से इनकार किया था. कंपनी का कहना था कि उन्होंने इसे केवल सरकारों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को बेचा था. साथ ही कंपनी ने इसे गलत इस्तेमाल से बचाने के लिए सुरक्षा उपाय करने की बात भी कही थी. इस महीने अमेरिकी अधिकारियों ने दुरुपयोग करने वाले सरकारों को स्पायवेयर बेचने के चलते NSO को ट्रेड ब्लैकलिस्ट कर दिया था.
अमेरिका के इस फैसले पर NSO ने निराशा जाहिर की थी. कंपनी ने कहा था कि उनकी तकनीक 'आतंकवाद और अपराध को रोककर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों और नीतियों का समर्थन करती है.'


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