दुनिया का कोविड हॉटस्पॉट बनकर उभर रहा इजरायल, एक सड़क पर मास्क लगाकर जाते है व्यक्ति

अब इजरायली नागरिकों को स्वीडन अपने यहां प्रवेश भी नहीं देने वाला है.

Update: 2021-09-03 07:18 GMT

इजरायल (Israel) में वैक्सीनेशन (Vaccination) की रफ्तार सबसे तेज होने के बाद भी ये देश दुनिया का कोविड हॉटस्पॉट (Covid Hotspot) बनकर उभर रहा है. इससे ब्रिटेन, अमेरिका और उन मुल्कों को चेतावनी मिल रही है कि वैक्सीनेशन की बड़ी आबादी के बाद भी ये मुल्क कोरोना की एक और लहर का सामना कर सकते हैं. इजरायल में 10 लाख की आबादी पर 1,892 कोरोना मामले हैं. मध्य अगस्त के बाद से इजरायल में लगातार संक्रमण के बड़े मामले दर्ज किए जा रहे हैं. वर्तमान में देश कोरोना की चौथी लहर का सामना कर रहा है, जबकि ये दुनिया का सबसे अधिक वैक्सीनेशन वाला मुल्क है.

भले ही कोरोना की चौथी लहर की वजह से इजरायल में रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं. मगर वैक्सीन अभी भी लोगों को गंभीर बीमारी से बचा रही है. यही वजह है कि दूसरी लहर की तुलना में सिर्फ आधे ही लोगों की कोरोना से मौत हुई है. हालांकि, पिछले महीने मृतकों की संख्या में तेजी आई है. इजरायल में जुलाई से ही 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर डोज लगाई जा रही है. डाटा इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि वैक्सीनेशन की वजह से अस्पतालों में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है. इजरायल में 12 साल से अधिक उम्र के उन सभी लोगों को बूस्टर डोज लगाई जा रही है, जिन्होंने दो डोज लगावा ली है.
ग्रीन पास खोने का मंडराया खतरा!
वहीं, कोरोना से निपटने के लिए इजरायल में नागरिकों पर कोविड-19 की बूस्टर डोज लेने का दबाव भी बनाया जा रहा है. जिन लोगों ने वैक्सीन की तीसरी डोज नहीं ली है, उन्हें यात्रा, बार में जाने, बाहर खाना खाने और अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने से रोका जा रहा है. इजरायल के नागरिकों को अपनी दूसरी डोज के छह महीने के भीतर फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की तीसरी डोज लेनी होगी, या तथाकथित ग्रीन पास खोना होगा. ग्रीन पास इजरायल के नागरिकों को घूमने के लिए अधिक स्वतंत्रता देता है. इजरायल पहले ही 19 लाख से अधिक बूस्टर डोज लोगों को लगा चुका है.
वैक्सीन का समय के साथ कम प्रभावी होना बना मुसीबत
इजरायल का कोरोना को लेकर अपनाया गया अप्रोच अन्य उच्च वैक्सीनेशन वाले देशों को प्रभावित कर सकता है. नीति निर्माताओं और सरकारी स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए कोविड डोज से मिलने वाली इम्युनिटी का कम होना एक प्रमुख चिंता का विषय बनकर उभर रहा है. आमतौर पर पोलियो और अन्य बीमारियों का मुकाबला करने वाली वैक्सीन लगभग जीवनभर सुरक्षा प्रदान करते हैं. वहीं, mRNA कोरोनावायरस वैक्सीन के मामले में ये थोड़ा सा उल्टा नजर आ रहा है. कोविड डोज की वजह से लोगों के अस्पतालों में भर्ती होने की दर में गिरावट देखने को मिली है. वहीं, अब इजरायली नागरिकों को स्वीडन अपने यहां प्रवेश भी नहीं देने वाला है.

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