दुनिया के 70 टीमों को पछाड़कर NASA के रोवर चैलेंज का विजेता बना भारतीय छात्र, मिला अवॉर्ड
NASA के रोवर चैलेंज का विजेता बना भारतीय छात्र
ओडिशा के छात्र ने NASA रोवर चैलेंज 2021 में तीसरा स्थान प्राप्त किया. छात्र ने दुनिया की 70 टीमों को पछाड़कर ये अवार्ड हासिल किया है. 6 महीने में ट्रेनिंग लेकर छात्र ने इस रोवर को तैयार किया. रोवर की टीम के मुताबिक, रोवर को चंद्रमा मिशन के लिए डिज़ाइन किया गया है जहां पहली महिला और अगले आदमी को भेजा जाएगा.
रोवर विभिन्न प्रकार के मार्शन टेरिन्स पर उड़ान भरने में सक्षम है.रिपोर्ट के अनुसार, टीम ने प्रोजेक्ट पर कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान छह महीनों तक अविश्वसनीय रूप से कड़ी मेहनत की है. रोवर पूर्णता के अधिकतम प्रयास के साथ निर्मित किया गया है और इसे NaPSAT 1.0 नाम दिया गया था.
महाराष्ट्र में सेक्सटन मेमोरियल पिट क्रू अवार्ड' जीता था
NaPSAT भुवनेश्वर स्थित नवोन्मेष प्रसार फाउंडेशन की एक पहल है,हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने वार्षिक ह्यूमन एक्सप्लोरेशन रोवर चैलेंज में भारत की तीन टीमों को पुरस्कृत किया है. इस चैलेंज के तहत हाईस्कूल और कॉलेज के छात्रों को चांद और मंगल ग्रहों पर भविष्य के अभियान के लिए रोविंग यान निर्मित करने और उनका परीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया जाता है.
वहीं, महाराष्ट्र में मुंबई के मुकेश पटेल स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एंड इंजीनियरिंग ने 'फ्रैंक जो सेक्सटन मेमोरियल पिट क्रू अवार्ड' जीता था. इसके अलावा पंजाब के फगवाड़ा की लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की टीम ने रॉकेट और अन्य अंतरिक्ष संबंधित विषयों पर दिए जाने वाले 'स्टेम एंगेजमेंट अवार्ड' जीता.
इस प्रतियोगिता में करीब 100 टीमों ने भाग लिया था. इसमें अमेरिका, बांग्लादेश, बोलिविया, ब्राजील, डोमिनिक गणराज्य, मिस्र, इथियोपिया, जर्मनी, मैक्सिको, मोरक्को और पेरू समेत रिकॉर्ड संख्या में देशों ने भाग लिया था.वहीं नासा चुनौती के लिए टीम के एक हिस्से के रूप में चुने जाने के बाद कैलाश को यह अवसर मिला. उन्होंने प्रतियोगिता के बारे में जानने के बाद यंग टिंकर वेबसाइट, एक ऑनलाइन हैंड्स-ऑन लर्निंग प्लेटफॉर्म पर एक ऑनलाइन फॉर्म भरा.