पोलैंड में भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की, बताए बाहर निकलने के रास्ते
पोलैंड के वारसॉ में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए तत्काल सलाह जारी कर कहा कि देश के पश्चिमी हिस्से में ल्वीव और टेरनोपिल से भारतीय, पोलैंड में जल्दी प्रवेश के लिए बुडोमिर्ज़ सीमा से यात्रा कर सकते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पोलैंड के वारसॉ में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को (स्थानीय समयानुसार) यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए तत्काल सलाह जारी कर कहा कि देश के पश्चिमी हिस्से में ल्वीव और टेरनोपिल से भारतीय, पोलैंड में जल्दी प्रवेश के लिए बुडोमिर्ज़ सीमा से यात्रा कर सकते हैं. पोलैंड में भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा, "वर्तमान में ल्वीव और टेरनोपिल और पश्चिमी यूक्रेन के अन्य स्थानों में रहने वाले भारतीय पोलैंड में अपेक्षाकृत जल्दी प्रवेश करने के लिए बुडोमिर्ज़ सीमा चेक-पॉइंट के जरिए जल्द से जल्द आ सकते हैं."
वैकल्पिक रूप से उन्हें हंगरी या रोमानिया के माध्यम से पारगमन के लिए दक्षिण की यात्रा करने की सलाह दी गई है. दूतावास ने कहा कि भारतीय नागरिक शेहिनी-मेड्यका सीमा पार करने से बच सकते हैं, जहां भीड़भाड़ है. पोलैंड में भारतीय दूतावास ने कहा कि मेड्यका और बुडोमिर्ज़ सीमा चौकियों पर उसके अधिकारी तैनात हैं, जो यूक्रेन से आने वाले लोगों को रिसीव कर रहे हैं और भारत की यात्रा में मदद कर रहे हैं.
बता दें कि केंद्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी. के. सिंह भी पोलैंड में हैं, उन्होंने दिल्ली के लिए उड़ान भरने से पहले पोलैंड के रेज़ज़ो हवाई अड्डे पर जाकर भारतीय छात्रों से मुलाकात की और बातचीत की. वहीं, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी हंगरी के बुडापेस्ट हवाईअड्डे पहुंचकर यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों से मिले.
भारत तेजी के साथ अपने नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकाल रहा है. अब भारत ने लोगों की निकासी के अभियान को और भी तेज कर दिया है क्योंकि यूक्रेन में रूसी हमले में एक भारतीय छात्र की मौत हो चुकी है, जो मूल रूप से कर्नाटक का रहने वाला था.
मंगलवार को विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने दावा किया कि सभी भारतीय नागरिकों ने कीव छोड़ दिया है. इसे पहले यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने छात्रों सहित सभी भारतीयों को उपलब्ध ट्रेन या किसी अन्य माध्यम से तत्काल कीव छोड़ने का सुझाव दिया था.