इमरान खान ने पाकिस्तान के संविधान को किया कलंकित, विदेश मामलों के विशेषज्ञ ने कहा

पाकिस्तान में आज हुए सियासी ड्रामे पर दुनियाभर की नजरें टिकी हुई हैं

Update: 2022-04-03 14:12 GMT
नई दिल्ली, एएनआइ। पाकिस्तान में आज हुए सियासी ड्रामे पर दुनियाभर की नजरें टिकी हुई हैं। लोग अपनी-अपनी तरह से पाकिस्तान के राजनीतिक भविष्य पर कयास लगा रहे हैं। आइये जानतें हैं पाकिस्तान में मौजूदा माहौल को लेकर क्या है विदेशी मामलों के प्रमुख विशेषज्ञ सुशांत सरीन की राय। पाकिस्तान में एक बड़ी राजनीतिक उथल-पुथल के बाद विशेषज्ञ सुशांत सरीन ने रविवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा नेशनल असेंबली को भंग करने पर बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान के संविधान को कलंकित किया है और फिर से सत्ता में नहीं आएंगे। सरीन ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया कि मुझे नहीं लगता कि इमरान सत्ता में वापस आ सकते हैं क्योंकि उन्होंने अन्य देशों के साथ संबंधों को खराब कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला इमरान और उनके मंत्रियों के खिलाफ देशद्रोह के मामले का आधार हो सकता है।
उन्होंने कहा कि आज के हुए इस घटनाक्रम से पाकिस्तान के संविधान को कलंकित किया गया है। संविधान का पालन नहीं किया गया है। आज जिस तरह नेशनल एसेंबली में किया गया है वह पहले नहीं देखा गया। अविश्वास प्रस्ताव मेज पर था। इस मौके पर कोई भी सदन को स्थगित नहीं कर सकता है।
इमरान ने खेल भावना के विपरीत किया प्रदर्शन
इमरान खान के कार्यों पर टिप्पणी करते हुए विदेशी मामलों के विशेषज्ञ ने कहा कि इमरान खान भाग रहे हैं क्योंकि उनके पास नेशनल एसेंबली में उनका समर्थन करने के लिए संख्या नहीं है। मतदान नहीं हुआ क्योंकि इमरान के पास नंबर नहीं थे। वह प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा नहीं देना चाहते थे। उन्होंने क्रिकेटर से पीएम बने इमरान को फटकार लगाते हुए कहा कि उन्होंने खेल भावना के विपरीत प्रदर्शन किया है।
सदन में हुई प्रक्रिया थी पूर्व नियोजित
विशेषज्ञ ने पूरे राजनीतिक प्रकरण को 'मुखौटा' भी करार दिया। साथ ही कहा कि यह पूरी स्थिति एक साजिश थी और इसे गैर-मुद्दे से बाहर कर दिया गया। सदन में हुई प्रक्रिया भी पूर्व नियोजित थी। उन्होंने राष्ट्रपति को नेशनल असेंबली को भंग करने की सलाह दी। संवैधानिक प्रावधान कलंकित है और इमरान पाकिस्तान के सबसे अहंकारी नेता हैं।
इसके अलावा, पीपीपी, विपक्षी दल के आरोपों और पीटीआइ द्वारा अपने बचाव में की गई टिप्पणी पर भी उन्होंने कहा कि इमरान खान का राष्ट्र के नाम संबोधन झूठ से भरा था और इसको कोई आधार नहीं था।
वर्तमान न्यायाधीश का ट्रैक रिकार्ड है खराब
उन्होंने कहा कि मामला पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में है। हम सभी ट्रैक रिकार्ड जानते हैं और वर्तमान मुख्य न्यायाधीश का ट्रैक रिकार्ड खराब है। उनके पास यह कहने के लिए दो विकल्प हैं कि जो कुछ भी हुआ वह गलत था और संवैधानिक प्रक्रिया को सामान्य करें और फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाएं। एक अन्य विकल्प के बारे में विशेषज्ञ ने कहा कि इस कदम को असंवैधानिक कहना और विधानसभा को भंग करना और राजनीतिक अस्थिरता को रोकने के लिए देश में चुनाव कराना है।
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