इमरान खान को फौरी राहत, नेशनल असेंबली का सत्र स्थगित, पढ़ें पूरा मामला

नेशनल असेंबली का सत्र स्थगित

Update: 2022-03-25 15:36 GMT
इस्लामाबाद, प्रेट्र। विपक्ष के हमले का सामना कर रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को शुक्रवार को कुछ दिनों की राहत मिल गई। इमरान खान ने दांव चला और नेशनल असेंबली का सत्र स्थगित कराकर अपनी सरकार पर मंडरा रहा संकट फिलहाल टाल दिया है। विपक्षी पार्टियों के भारी विरोध के बीच अविश्वास प्रस्ताव पेश किए बगैर नेशनल असेंबली का सत्र स्थगित कर दिया गया। स्पीकर ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के सांसद खयाल जमां के 14 फरवरी को निधन के कारण 28 मार्च शाम चार बजे तक के लिए सत्र स्थगित किया गया है।
पाकिस्तान संसदीय कन्वेंशन के अनुसार, किसी सांसद के निधन के बाद होने वाली पहली बैठक दिवंगत को उनके साथी सांसदों की ओर से दी जाने वाली श्रद्धांजलि तक सीमित रहेगी। नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी और उपाध्यक्ष आसिफ अली जरदारी समेत प्रमुख विपक्षी नेता भी शुक्रवार बहुप्रतीक्षित सत्र में भाग लेने पहुंचे थे।
विपक्षी नेताओं ने किया विरोध
जैसे ही स्पीकर कैसर ने सत्र स्थगित किए जाने की घोषणा की, विपक्षी नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने प्रस्ताव उठाने का आग्रह किया लेकिन स्पीकर ने अपना माइक आन नहीं किया और चैंबर में चले गए। स्पीकर ने कहा कि अगले सत्र में अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने का फैसला लिया जाएगा।
नियम के मुताबिक, नेशनल असेंबली में पेश किए जाने के बाद प्रस्ताव पर तीन से सात दिन के भीतर मतदान कराया जाना अनिवार्य है। नेशनल असेंबली सचिवालय की ओर से गुरुवार को जारी 15 सूत्री आदेश में अविश्वास प्रस्ताव भी शामिल था।
विपक्ष की राय
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नेता ख्वाजा आसिफ ने ट्वीट किया है कि विपक्ष के 163 में से 159 मौजूद थे। यह स्पष्ट नहीं है कि सत्ताधारी पीटीआइ के कितने सांसद पहुंचे थे। संसद भवन के बाहर संवाददाताओं से पीएमएल-एन अध्यक्ष शाहबाज ने चेतावनी दी कि यदि सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की अनुमति नहीं दी गई तो जो कुछ होगा उसकी वे जिम्मेदारी नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि स्पीकर ने पीटीआइ कार्यकर्ता की तरह काम किया है। कैसर ने आगे भी खान को बचाने का प्रयास किया तो विपक्ष कानूनी एवं संवैधानिक विरोध करेगा।
सहयोगी दलों ने पाला बदला तो इमरान का जाना तय
यदि सहयोगी दलों ने पाला बदल लिया तो गठबंधन सरकार की अगुआई कर रहे 69 वर्षीय इमरान खान को पद से हाथ धोना पड़ सकता है। 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में इमरान की पार्टी पीटीआइ के 155 सदस्य हैं। सरकार में बने रहने के लिए उन्हें 172 सांसदों के समर्थन की दरकार है। चार बड़े सहयोगी दलों मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद, बलूचिस्तान अवामी पार्टी और ग्रांड डेमोक्रेटिक अलायंस के क्रमश: सात, पांच, पांच और तीन सदस्यों को मिलाकर कुल 179 सदस्यों के समर्थन से गठबंधन सरकार बनी थी।
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