Border पर खूनखराबे के बीच अच्छे संबंध मुमकिन नहीं: विदेश मंत्री एस. जयशंकर
विकास मंत्रियों की बैठक में बतौर मेहमान मंत्री शामिल होने के लिए ब्रिटेन में हैं.
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने चीन (China) की हरकतों को लेकर उसे जमकर सुनाया. उन्होंने कहा कि भारत और चीन के संबंध सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सीमा पर संघर्ष, धमकी और खूनखराबा हो और हम यह कहें कि दूसरे क्षेत्रों में हमारे संबंध मजबूत हैं, यह नहीं हो सकता है. अच्छे संबंधों के लिए शांति बेहद जरूरी है.
Wang Yi से बातचीत का किया जिक्र
ब्रिटेन स्थित मीडिया संगठन इंडिया इंक ग्रुप और लंदन में भारतीय उच्चायोग के एक कार्यक्रम में जयशंकर ने बताया कि उनकी चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) के साथ हाल में कोरोना महामारी के दौरान रणनीतिक सामान की आवाजाही में ढील देने के संदर्भ में सकारात्मक बातचात हुई है. उन्होंने कहा कि पिछली वार्ता काफी हद तक कोविड-19 महामारी पर केंद्रित थी और मैंने कोरोना से निपटने के लिए मिलकर काम करने की बात कही थी, जिससे वांग यी भी सहमत थे.
China ऐसे कर सकता है मदद
जयशंकर ने यह भी बताया कि भारतीय कंपनियों को चीन से ऑर्डर प्राप्त करने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने चीनी मंत्री से कहा कि वह सबसे बेहतर मदद इस प्रक्रिया में राहत देकर कर सकते हैं. भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि हमारी बातचीत के बाद चीजें आगे बढ़ी हैं. हमारी कुछ विमानन कंपनियों को तुरंत वहां जाने की अनुमति मिली है. वृहद स्तर पर भारत-चीन संबंधों के बारे में मंत्री ने कहा कि सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अब तक सीमा के इच्छित स्थान तक उनकी वापसी नहीं हुई है.
Ladakh Tension पर कही ये बात
लद्दाख में जारी तनाव को लेकर जयशंकर ने कहा कि इस समय हमारे रिश्ते मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं, क्योंकि कई समझौतों का उल्लंघन हुआ है और यह सामने आया है कि चीन ने अपनी ओर से गत कई सालों में भारी सैन्य तैनाती बिना किसी कारण के वास्तविक नियंत्रण रेखा पर की है. उन्होंने बताया कि चीनी सेना वहां एक साल से हैं और उसकी गतिविधि से सीमावर्ती इलाकों में शांति और संयम भंग होता है.
'India का रुख एकदम साफ'
जयशंकर ने कहा कि भारत का बहुत साफ रुख है कि पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते के लिए सीमावर्ती इलाकों में शांति और संयम जरूरी है. संघर्ष, जबरदस्ती, धमकी और खूनखराबा सीमा पर हो और फिर आप कहे कि दूसरे क्षेत्रों में अच्छे संबंध बनाए हैं. यह वास्तविक नहीं है. हम चीनी पक्ष के साथ चर्चा कर रहे हैं. कुछ क्षेत्रों में हमने प्रगति की है और कुछ क्षेत्रों में अब भी चर्चा चल रही है, लेकिन हम तनाव कम करने के स्तर पर नहीं पहुंचे है जो सैनिकों की वापसी के बाद ही हो सकता है. बता दें कि जयशंकर इस समय जी-7 समूह के विदेश एवं विकास मंत्रियों की बैठक में बतौर मेहमान मंत्री शामिल होने के लिए ब्रिटेन में हैं.