महिलाओं के खिलाफ मोर्चा: तालिबान अब शरिया कानून थोपने के लिए समर्थकों से करा रहा प्रदर्शन, उठाई हिजाब अनिवार्य करने की मांग

अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद से महिलाओं के लिए जहां रोजाना कोई ने कोई फरमान जारी हो रहा है वहीं अब कुछ तालिबानी समर्थकों ने उन महिलाओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है जो कि हिजाब नहीं पहन रही हैं और शरिया कानून का पालन नहीं कर रही हैं।

Update: 2022-01-22 03:54 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद से महिलाओं के लिए जहां रोजाना कोई ने कोई फरमान जारी हो रहा है वहीं अब कुछ तालिबानी समर्थकों ने उन महिलाओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है जो कि हिजाब नहीं पहन रही हैं और शरिया कानून का पालन नहीं कर रही हैं। दरअसल, काबुल में तालिबान द्वारा आयोजित एक प्रदर्शन में कई सौ अफगान पुरुषों ने भाग लिया और जमकर महिलाओं के विरोध में नारेबाजी की। सभी का एक ही नारा था 'हमें शरिया कानून चाहिए, हम हिजाब चाहते हैं', भले ही हम इसके लिए मर ही क्यों न जाएं। सभी प्रदर्शनकारियों का कहना था कि महिलाओं को हर हाल में हिजाब पहनना होगा और शरिया कानून को मानना ही होगा।

इससे पहले सार्वजनिक बाथरूम में नहाने पर लगाई थी रोक
बता दें कि कुछ दिन पहले तालिबानियों ने महिलाओं के खिलाफ फरमान निकालते हुए कहा था कि वे सार्वजनिक बाथरूम यानी स्नानघर में नहीं नहा सकेंगी। वह अपने निजी बाथरूम में ही नहा सकेंगी और इस दौरान भी उन्हें इस्लामिक हिजाब पहनकर रहना होगा।
महिलाओं की यात्रा को 45 मील तक सीमित कर दिया था
तालिबान ने एक और फरमान जारी करते हुए महिलाओं की यात्रा को 45 मील तक सीमित कर दिया था। अब कोई भी ड्राइवर दो महिलाओं को अपनी कारों की अगली सीट पर नहीं बैठाएगा। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके लिए सजा का भी प्रावधान होगा।
तालिबानियों ने पोस्टर लगाकर दी धमकी
तालिबान के 'प्रोमशन ऑफ वर्चु एंड प्रीवेंशन ऑफ वाइस' ने पोस्टरों को शहर के कैफे और दुकानों पर लगा दिया है। इसमें बुर्के के जरिए चेहरे को ढके हुए महिला को देखा जा सकता है। अगस्त में सत्ता में लौटने के बाद से तालिबान महिलाओं और लड़कियों की आजादी को कम कर दिया है।
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