नापाक हरकत! चीन ने गलवान हिंसा में शामिल सैनिक को बनाया मशाल धारक, 'ड्रैगन' के इस हरकत पर US ने कही ये बात
चीन ने गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमला करने वाली सैन्य कमान का हिस्सा रहे एक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी सैनिक को बीजिंग विंटर ओलंपिक का मशाल धारक चुना है. इ
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन (China) ने गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारतीय सैनिकों पर हमला करने वाली सैन्य कमान का हिस्सा रहे एक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) सैनिक को बीजिंग विंटर ओलंपिक (Beijing Winter Olympics) का मशाल धारक चुना है. इसे लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है. वहीं, अमेरिका (America) ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस (Ned Price) ने कहा है कि भारत-चीन सीमा विवाद पर हम शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं. दूसरी ओर, अमेरिकी सांसदों ने चीन की इस हरकत को शर्मनाक बताया है.
PLA सैनिक को मशाल धारक बनाने पर जब नेड प्राइस से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, 'जब भारत-चीन सीमा (India-China Border Dispute) स्थिति के व्यापक मुद्दे की बात आती है, तो हम सीधे संवाद और सीमा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करना जारी रखते हैं.' उन्होंने कहा, 'अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने के लिए बीजिंग (Beijing) के चल रहे प्रयासों के पैटर्न पर हमने अपनी चिंता व्यक्त की है. हम हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) में अपनी साझा समृद्धि, सुरक्षा और मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए अपने दोस्तों, भागीदारों और सहयोगियों के साथ खड़े हैं.'
अमेरिका सांसदों ने चीन को लताड़ा
वहीं, चीनी सैनिक को मशाल धारक बनाने की हरकत को अमेरिका के शीर्ष सांसदों ने 'शर्मनाक' करार दिया है. अमेरिकी सीनेट की विदेश मामलों की समिति के सदस्य व रिपब्लिकन सीनेटर जिम रिस्च ने कहा कि अमेरिका, भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रखेगा. जिम ने ट्वीट किया, 'यह शर्मनाक है कि बीजिंग ने ओलंपिक 2022 मशाल धारक ऐसे व्यक्ति को चुना जो उस सैन्य कमान का हिस्सा था जिसने 2020 में भारत पर हमला किया था और जो उइगर मुस्लिमों का नरसंहार कर रहा है. अमेरिका उइगर की स्वतंत्रता और भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रखेगा.'
एक अन्य ट्वीट में सीनेटर मार्को रुबियो ने कहा कि यह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा बीजिंग शीतकालीन खेल 2022 के राजनीतिकरण का एक और अपमानित करने वाला उदाहरण है. उन्होंने कहा कि चीन द्वारा, 2020 में गलवान झड़प में शामिल रहे सैनिक को मशाल धारक के रूप में चुनना जानबूझकर उकसाने वाला कदम है.
भारतीय राजदूत नहीं लेंगे बीजिंग ओलंपिक में हिस्सा
दूसरी ओर, भारत ने गुरुवार को घोषणा की कि बीजिंग में भारतीय दूतावास (Indian Embassy) के मामलों के प्रमुख 2022 विंटर ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि चीन ने गलवान घाटी झड़प में शामिल सैन्य कमांडर को इस प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिता का मशाल धारक बनाकर सम्मानित किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बाग्ची ने चीन के इस कदम को 'खेदजनक' करार दिया.
गलवान झड़प में घायल हुआ था चीनी सैनिक
दरअसल, चीन ने बुधवार को क्यूई फैबाओ (Qi Fabao) को खेलों की मशाल रिले में मशाल धारक के रूप में पेश किया था. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का रेजीमेंटल कमांडर फैबाओ जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में घायल हो गया था. ग्लोबल टाइम्स की खबर के अनुसार फैबाओ ने विंटर ओलंपिक पार्क में वैंग मेंग से मशाल ली, जो चीन की चार बार की ओलंपिक शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग चैंपियन हैं.