उइगर मुस्लिम को लेकर यूरोपीय संसद ने चीन पर कसा शिकंजा, दुनिया के सामने अब ड्रैगन होगा एक्सपोज

चीन में उइगर मुस्लिमों के साथ बर्ताव को लेकर पूरी दुनिया में उस पर दबाव की नीति अपनाई जा रही है।

Update: 2020-12-19 03:58 GMT

चीन में उइगर मुस्लिमों के साथ बर्ताव को लेकर पूरी दुनिया में उस पर दबाव की नीति अपनाई जा रही है। शुक्रवार को यूरोपीय संसद ने यूरोपीय संघ के आव्हान पर चीनी शिंजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों से जबरन श्रम कराने और उनकी स्थिति पर एक प्रस्ताव पारित किया।

इसमें कहा गया है कि अपराधों की जवाबदेही के लिए चीन संयुक्त राष्ट्र को स्वतंत्र जांच की दिशा में काम करने के लिए दौरे की अनुमति दे।
शिंजियांग प्रांत में करीब एक करोड़ से अधिक मुस्लिम उइगर मुस्लिम और कजाख नागरिक रहते हैं। यहां चीनी सरकार द्वारा 2014 में हिंसक आतंकवाद के खिलाफ स्ट्राइक हार्ड के खिलाफ अभियान शुरू करने के बाद से हालात काफी खराब हैं।
यूरोपीय संसद से पारित हुए प्रस्ताव में कहा गया है कि शिंजियांग स्वायत्त क्षेत्र में उइगर व अन्य मुस्लिम जातीय अल्पसंख्यकों के साथ धार्मिक व्यवहार और संस्कृति पर मनमानी की जा रही है। इसके तहत उनके साथ निरोध, यातना, अहंकार पूर्ण प्रतिबंध और डिजिटल निगरानी की जा रही है।
इनके तहत चेहरे की पहचान करने वाले कैमरों व मोबाइल फोन स्कैनिंग द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध निजी डाटा का एकत्रीकरण भी किया जा रहा है। बता दें कि विश्वसनीय रिपोर्टों में कहा गया है कि शिंजियांग प्रांत में 10 लाख से ज्यादा उइगर मुस्लिमों को हिरासत में लेकर प्रताड़ित किया जा रहा है।
सुधार के नाम पर सख्ती
यूरोपीय संसद ने अपने प्रस्ताव में यह भी कहा है कि चीनी शासन लगातार देश के अल्पसंख्यकों को सुधारने के नाम पर सख्ती बरत रहा है। विशेष रूप से उइगर, तिब्बती व मंगोलियाई लोगों के साथ चीन अपनी जीवन शैली और कम्युनिस्ट विचारधारा को लागू करके उन्हें दबाव पूर्वक आत्मसात कराना चाहता है। चीन को चाहिए कि वह संयुक्त राष्ट्र के जांच दल को शिंजियांग में दौरा करने की अनुमति दे।


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