श्रीलंका में अब बिजली संकट

Update: 2022-10-16 01:59 GMT

श्रीलंका। अपनी आजादी के बाद से अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा श्रीलंका अभी भी स्थिर नहीं हो पाया है. नई सरकार तो सत्ता में आ गई है लेकिन जमीन पर समस्याएं अभी भी बनी हुई है. महंगाई की ऐसी मार चल रही है कि श्रीलंका में लोगों को घर में बिजली सप्लाई मिलना भी मुश्किल साबित हो रहा है. बिजली के दाम इतने बढ़ चुके हैं कि अब धार्मिक संस्थानों पर भी बिजली संकट मंडराने लगा है. स्थिति को देखते हुए सरकार ने फिर भारत से मदद लेने का फैसला किया है.

बताया जा रहा है कि श्रीलंका की सरकार को भारत से जो 10 करोड़ डॉलर की ऋण-सुविधा मिली थी, वह उसका इस्तेमाल अब सरकारी इमारतों और धार्मिक संस्थानों की छतों पर सोलर पैनल लगाने में करने वाली है. अब जानकारी के लिए बता दें कि श्रीलंका में जब से आर्थिक संकट खड़ा हुआ है, नुकसान बड़े स्तर पर हो चुका है. ऐसे में उस नुकसान की भरपाई करने के लिए ही इस साल अगस्त में श्रीलंका की सरकार ने बिजली दामों में 75 फीसदी का इजाफा कर दिया था. तब सरकार ने तर्क दिया था कि Ceylon Electricity Board (CEB) को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई इस कदम के जरिए की जाएगी.

लेकिन सरकार का ये फैसला आम लोगों को रास नहीं आया और पहले से जारी विरोध प्रदर्शन फिर विस्फोटक हो गया. हालात ऐसे बन गए कि धार्मिक संस्थानों के पुजारियों तक ने चेतावनी दे डाली कि वो ये बढ़े हुए बिजली के दाम नहीं भरने वाले हैं. ऐसे हालात में धार्मिक संस्थानों में ब्लैकआउट की स्थिति पैदा हो जाएगी. अब उस स्थिति और विरोध प्रदर्शन से बचने के लिए श्रीलंका ने बड़ा फैसला किया है.

भारत की ओर से श्रीलंका को आर्थिक मदद के रूप में जो 10 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया गया था, उसका इस्तेमाल बिजली संकट को कम करने के लिए किया जाएगा. अस्पताल, कॉलेज और धार्मिक संस्थानों की छत पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे. लंबे समय में इस फैसले से बिजली की दरों में भी कटौती देखने को मिल जाएगी और बिजली संकट भी कम होगा.

बता दें कि इस साल श्रीलंका में बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया था. कर्ज बढ़ता चला गया था और विदेशी मुद्रा खत्म होने की कगार पर पहुंच गई थी. आलम ये था कि सड़क पर राशन से लेकर पेट्रोल-डीजल तक लेने के लिए लोगों को लंबी कतारों में लगना पड़ रहा था. एक वक्त ऐसा भी आ गया था जब आक्रोशित लोगों ने श्रीलंका के श्रीलंका राष्ट्रपति भवन पर ही कब्जा जमा लिया. खैर अब श्रीलंका में स्थिति पहले से बेहतर हुई है. नई सरकार के आने से लोगों को भी उम्मीद है कि हालात जल्द ही पटरी पर लौट आएंगे.


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