कोरोना की आहट फिर, नए वैरिएंट को वैज्ञानिकों ने बताया सबसे घातक

Update: 2023-07-30 02:11 GMT

कोरोना ब्रेकिंग। डब्ल्यूएचओ ने इसी साल मई महीने में कोरोना वायरस को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी की श्रेणी से हटा दिया था। इसके बाद ऐसा लगने लगा था कि कोरोना वायरस का दुनिया से अंत हो गया है लेकिन, ऐसा नहीं है। हाल ही में भारत के पड़ोसी देश इंडोनेशिया में वैज्ञानिकों ने कोरोना के ऐसे खतरनाक वैरिएंट की खोज की है, जो ओमिक्रॉन से भी ज्यादा जानलेवा है और खतरनाक है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह वैरिएंट 113 यूनीक म्यूटेंट वाला कोरोना वायरस का नया वैरिएंट हो सकता है। साथ ही वैज्ञानिकों ने इस वैरिएंट को अब तक का सबसे घातक वैरिएंट करार दिया है।

इंडोनेशिया में वैज्ञानिकों को कोरोना का सबसे नया और घातक वैरिएंट मिला है। रिपोर्टों के अनुसार, इससे पहले 50 म्यूटेंट वाला ओमिक्रॉन कोरोना वायरस को सबसे अधिक घातक और तेजी से संक्रमण करने वाला वैरिएंट था। लेकिन, इंडोनेशिया में वैज्ञानिकों ने जिस वैरिएंट की खोज की है, वह 113 यूनीक म्यूटेंट के साथ ऑमिक्रोन को भी पीछे छोड़ देता है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि स्पाइक प्रोटीन वायरस की सतह पर पाया जाता है और इसे मानव कोशिकाओं से जुड़ने और प्रवेश करने में मदद मिलती है। अधिकांश कोरोना टीके मानव शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करते हैं और स्पाइक प्रोटीन को टारगेट करके उन पर हमला करते हैं। ये यूनीक म्यूटेंट स्पाइक प्रोटीन को काफी प्रभावित कर सकते हैं, जिससे ये अधिक खतरनाक हो जाते हैं।

शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड वायरस का यह नया वैरिएंट एक पुराने कोविड मरीज से उत्पन्न हुआ है जो महीनों से संक्रमण से पीड़ित है। इन पुराने रोगियों में आम तौर पर एड्स या कीमोथेरेपी से गुजरने के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है जो कि कोविड वायरस से लड़ने की क्षमता को कम कर देती है।

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