कराची बंदरगाह पर बमबारी करने वाले 'कमाडोर राव' का निधन

भारत व पाकिस्तान के बीच हुई 1971 की जंग के नायकों में शामिल रहे नौसेना के कमाडोर केपी गोपाल राव का रविवार को चेन्नई में निधन हो गया।

Update: 2021-08-09 18:52 GMT

भारत व पाकिस्तान के बीच हुई 1971 की जंग के नायकों में शामिल रहे नौसेना के कमाडोर केपी गोपाल राव का रविवार को चेन्नई में निधन हो गया। उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। उन्होंने इस जंग के दौरान कराची बंदरगाह पर बमबारी की थी।

रक्षा सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। वे 94 साल के थे। उनके परिवार में दो बेटियां व एक बेटा है। उम्रगत बीमारियों की वजह से उन्होंने दम तोड़ा। उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल भी मिला था।
1971 की जंग के बाद ही पूर्वी पाकिस्तान अलग हुआ था। आज वह बांग्लादेश कहलाता है। इस जंग में कमाडोर राव ने पश्चिमी नौसेना कमान के एक छोटे से समूह के साथ कराची तट पर धावा बोला था। इसे आपरेशन कैक्ट्स नाम दिया गया था। 4 दिसंबर 1971 को उन्होंने अपने समूह का नेतृत्व करते हुए और दुश्मन की वायुसेना, थल सेना व पनडुब्बी हमले की आशंका से विचलित हुए बिना दुश्मन की समुद्री सीमा में प्रवेश किया था।

शत्रु की गोलीबारी से भारतीय युद्धपोत को गंभीर खतरे की भी उन्होंने परवाह नहीं की और आगे बढ़ना जारी रखा और दुश्मन के दो विध्वंसक व एक माइंसवीपर को तबाह कर दिया। इसके बाद जमीनी संघर्ष में उन्होंने कराची बंदरगाह पर बमबारी की वहां तेल डिपो व अन्य प्रतिष्ठानों को आग लगा दी। सूत्रों ने कहा कि अभियान के दौरान बहादुरी व उत्कृष्ट नेतृत्व का परिचय दिया। 22 जुलाई को चेन्नई में सेना द्वारा आयोजित एक समारोह में कमाडोर राव का सम्मान किया गया था। इसके दो सप्ताह बाद उनका निधन हो गया।

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