चीन के वैज्ञानिकों ने दुनिया के सामने लाई घातक कोराना वायरस की पहली तस्‍वीर, वैक्सीन बनाने में मिलेगी मदद

कोरोनावायरस (Coronavirus) ने पिछले आठ-नौ महीने से पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है.

Update: 2020-10-12 05:29 GMT

कोरोनावायरस (Coronavirus) ने पिछले आठ-नौ महीने से पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है. अलग-अलग देशों में वैज्ञानिक इसपर काबू करने के लिए तरह-तरह की वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं. हालांकि इन बुरी और भयावह खबरों के बीच एक अच्‍छी खबर है कि चीन के वैज्ञानिकों ने दुनिया के सामने पहली बार इस घातक कोराना वायरस की तस्‍वीरें (First Picture Of Coronavirus Created) पेश की है. इन तस्‍वीरों को देखने से पता चलता है कि कोरोना वायरस नुकीले आकार का है. तस्‍वीरों से इसके इंसान की कोशिकाओं के साथ अंत:क्रिया का भी पता चला है. कोरोना वायरस की तस्‍वीरों के आने से वैज्ञानिकों को अब इस महामारी के खात्‍मे के लिए वैक्‍सीन (Corona Vaccine) बनाने में बड़ी मदद मिलने की संभावना भी जग गई है.

चीन के वायरोलॉजिस्ट को मिली सफलता

चीन की त्सिगुआ यूनिवर्सिटी में बॉयोलॉजिस्‍ट डॉक्‍टर साई ली हांगझोउ एक बॉयोसेफ्टी लैब में वायरोलॉजिस्ट के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. ये विशेषज्ञ लैब के अंदर कोरोना वायरस तैयार कर रहे हैं. इन विशेषज्ञों ने वायरस को केमिकल के अंदर डाला ताकि यह नुकसान न पहुंचा सके. इसके बाद उन्‍होंने वायरस से भरे तरल पदार्थ को ली के पास भेजा.

एक इंच के 10 लाखवें हिस्से से भी कम आकार के होते हैं वायरस

ली और उनकी टीम ने वायरस से भरे तरल पदार्थ को एक ड्रॉप के अंदर कर दिया. इसके बाद उसे अचानक से जमा दिया गया. ली और उनकी टीम ने बाद में क्रयो-इलेक्‍ट्रॉनिक माइक्रोस्‍कोप से उसे देखा. ली ने न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स से बातचीत में कहा, 'मैंने एक स्‍क्रीन देखी जो कोरोना वायरस से पूरी तरह से भरी हुई थी.' यह देखने में एक इंच के 10 लाखवें हिस्‍से से भी कम थी. उन्‍होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि मैं दुनिया का पहला ऐसा इंसान हूं जिसने वायरस को इतने करीब से देखा.' ली की इन तस्‍वीरों से अब वैज्ञानिकों को यह पता चला है कि किस तरह से वायरस के कुछ प्रोटीन इंसान के कोशिकाओं में घुस जाते हैं.

वैज्ञानिकों को यह भी पता चला है कि किस तरह से दूषित जीन्‍स इंसान के बॉयोकेमेस्‍ट्री पर कब्‍जा कर लेते हैं. शोधकर्ताओं को पता चला है कि कुछ वायरल प्रोटीन हमारी जीव कोशिका फैक्‍ट्री पर कहर बरपाते हैं और अन्‍य वायरल प्रोटीन नए वायरस बनाने के लिए नर्सरी तैयार करते हैं. कुछ शोधकर्ता सुपरकंप्‍यूटर का इस्‍तेमाल पूरी तरह से वर्चुअल वायरस तैयार करने के लिए कर रहे हैं. शोधकर्ताओं को अब उम्मीद है कि किस तरह से बहुत तेजी के साथ असली वायरस फैलता है, इसका पता अब लगाया जा सकेगा.

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