चीनी ड्रैगन ने दुनिया को परमाणु बमों से पाटने की तैयारी शुरू कर दी, भारत-अमेरिका के लिए बड़ा खतरा
चीन के पास 300 परमाणु बम थे लेकिन अब शी जिनपिंग के नेतृत्व में ड्रैगन बहुत तेजी से परमाणु बमों का जखीरा बढ़ा रहा है।
लद्दाख से लेकर दक्षिण चीन सागर तक में दादागिरी दिखा रहे चीनी ड्रैगन ने दुनिया को परमाणु बमों से पाटने की तैयारी शुरू कर दी है। सैटलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन परमाणु मिसाइलों को छिपाने के लिए बहुत तेजी से तीन गुप्त ठिकाने बना रहा है। इन ठिकानों से परमाणु बमों से लैस मिसाइलों को आसानी से दागा जा सकेगा। इन तस्वीरों से यह भी पता चला है कि चीन अपनी परमाणु ताकत बढ़ाने के लिए पानी की तरह से पैसा बहा रहा है और प्रयास कर रहा है।
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अपने पश्चिमी इलाके में बनाए जा रहे मिसाइल साइलो को बनाने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल कर ली है। सैटलाइट तस्वीरों के आधार पर इस शोध को करने वाले परमाणु वैज्ञानिक मैट कोर्दा ने और हांस एम क्रिस्टेंशन ने लिखा, 'चीन के लिए यह बेहद अप्रत्याशित परमाणु जमावड़ा है।' उन्होंने कहा कि चीनी मिसाइल साइलो अभी पूरी तरह से शुरू होने में कई साल पीछे भले ही चल रहा हो लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि चीन इनका संचालन किस तरह से करता है।
चीन की बढ़ती सैन्य ताकत ने अमेरिका की नीदें उड़ा दी हैं
यह खुलासा ऐसे समय पर हुआ है जब चीन की बढ़ती सैन्य ताकत ने अमेरिका की नीदें उड़ा दी हैं। चीन के पहले मिसाइल साइलो का खुलासा जून महीने में हुआ था। इसके बाद चीन के दूसरे और तीसरे मिसाइल साइलो का खुलासा हुआ। अमेरिकी सेना के रणनीतिक कमांड ने एक ट्वीट करके कहा था कि हम इस खतरे के बारे में लंबे समय से आगाह कर रहे थे जो हर तरह से गोपनीयता की चादर में लिपटा हुआ है।
अमेरिकी नौसेना ने कहा है कि चीन की सेना का तेजी से विकास और आधुनिकीकरण स्तब्ध करने वाला है और स्तब्ध शब्द भी इसके लिए कम है। परमाणु वैज्ञानिकों का अनुमान है कि चीन 300 नई मिसाइलों के लिए साइलो बना रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार है कि चीन इतने तेजी से मिसाइल साइलों का निर्माण कर रहा है। इन मिसाइल साइलो का निर्माण चीन ऐसे समय पर कर रहा है जब हाल ही में उसने अंतरिक्ष से हाइपरसोनिक मिसाइल दागने का परीक्षण किया था।
साइलो के अंदर परमाणु मिसाइलों को छिपाकर रखा जाएगा
अमेरिका ने इस परीक्षण को चिंताजनक करार दिया था। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन ने अपनी मूलभूत नीति में बदलाव नहीं किया है, लेकिन पहले की तुलना में वह अब ज्यादा कर रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका जिस तरह से पहले हमला करके शत्रु को तबाह करने की नीति का पालन करता है, उस खतरे को देखते हुए चीन अब मिसाइल साइलो का निर्माण कर रहा है। इन साइलो के अंदर परमाणु मिसाइलों को छिपाकर रखा जाएगा ताकि अमेरिकी हमलों से बचाया जा सके और फिर पलटवार किया जा सके।
अमेरिकी परमाणु विशेषज्ञों ने कहा कि मिसाइल साइलो के पीछे वजह यह भी है कि चीनी नेतृत्व ने मान लिया है कि अब उसकी सेना काफी बड़ी हो गई है और परमाणु हथियारों की ताकत भी उसी के अनुसार होनी चाहिए। चीन के परमाणु मिसाइलों से अमेरिका ही नहीं भारत के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है। भारत के साथ चीन का तनाव चल रहा है और ड्रैगन लगातार धमकी दे रहा है। वैज्ञानिकों ने कहा कि चीन ने कई साल तक चुप्पी साधने के बाद अब दुनिया को अपनी ताकत का अहसास कराना शुरू कर दिया है। वर्ष 1960 के दशक में परमाणु बम का परीक्षण करने के बाद चीन ने कई दशक तक न्यूनतम परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने पर बल दिया था। माना जाता है कि चीन के पास 300 परमाणु बम थे लेकिन अब शी जिनपिंग के नेतृत्व में ड्रैगन बहुत तेजी से परमाणु बमों का जखीरा बढ़ा रहा है।