चीन की धमक: कभी भी छिड़ सकता हैं तीसरा विश्व युद्ध, ताइवान बोला- हम लड़ने के लिए तैयार

एक अक्टूबर से लेकर अब तक चीन के करीब 150 फाइटर जेट्स ताइवान के आसमान में दाखिल हुए हैं.

Update: 2021-10-08 05:38 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एक अक्टूबर से लेकर अब तक चीन (China) के करीब 150 फाइटर जेट्स ताइवान (Taiwan)के आसमान में दाखिल हुए हैं. जिससे बौखलाए ताइवान ने चीन को युद्ध की चेतावनी दी. अमेरिका और ब्रिटेन ने ताइवान के समर्थन में दक्षिण चीन सागर में 3 एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात कर दिए हैं. ताइवान के रक्षा मंत्री ने आशंका जताई कि चीन 2025 की शुरुआत में पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू कर सकता है. अब ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन (Taiwanese president Tsai Ing-wen) ने का बयान आया है. वेन ने कहा कि ताइवान किसी से सैन्य टकराव नहीं चाहता है, लेकिन अपनी रक्षा के लिए जो कुछ भी करना होगा वह करेगा.

रॉयटर्स समाचार एजेंसी के अनुसार, इंग-वेन ने शुक्रवार को बीजिंग द्वारा शुरू की गई नवीनतम शत्रुतापूर्ण नीतियों पर देश में उच्च तनाव के बीच ये बयान दिया. ताइवान की राष्ट्रपति साई-इंग-वेन ने हाल ही में फॉरेन अफेयर्स में एक लेख लिखा है. लेख में जो बातें लिखी हैं वो दुनिया के लिए और खासकर एशिया के इस क्षेत्र के लिए चिंता बढ़ाने वाली हैं.
साई-इंग-वेन ने लिखा, 'हम शांति चाहते हैं लेकिन हमारे लोकतंत्र और जीवन शैली को अगर खतरा पहुंचा तो ताइवान आत्मरक्षा के लिए जो भी जरूरी समझेगा, वो करने के लिए तैयार है. दुनिया को समझने की जरूरत है कि ताइवान अगर चीन के हाथ में चला गया तो क्षेत्रीय शांति के लिए ये विनाशकारी होगा. ये लोकतांत्रिक साझेदारी के लिए भी विध्वंसकारी साबित होगा.' अब सवाल है कि ताइवान की राष्ट्रपति ने अचानक अपने देश पर चीन के कब्जे का डर क्यों जताया?
दरअसल, चीन ताइवान के लोकतांत्रिक द्वीप को अपना क्षेत्र होने का दावा करता है. चीन कहता है कि अगर आवश्यक हो तो इसे बलपूर्वक हासिल कर लिया जाना चाहिए. ताइवान यह कहते हुए इसका विरोध करता है कि यह एक स्वतंत्र देश है. साथ ही ताइवान चीन की आक्रामकता के सामने अपनी स्वतंत्रता और लोकतंत्र की रक्षा करेगा.
अबतक चीन के करीब 150 वॉर प्लेन्स ने ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की. अकेले मंगलवार को ही चीन के करीब 56 फाइटर जेट्स ताइवान के आसमान में देखे गए. ताइवान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक उड़ान भरने वाले चीन के इन लड़ाकू विमानों में 34 J-16 लड़ाकू विमान और 12 H-6 परमाणु बमवर्षक विमान शामिल थे. इसी के बाद ताइवान बौखला उठा और चीन को युद्ध की खुली चेतावनी दे दी.
ताइवान के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि अगर वो (चीन) हम पर हमला करना चाहते हैं, तो उनके पास पहले से ऐसा करने की योग्यता है. लेकिन हमें ये देखना होगा कि इसका समाधान कैसे निकल सकता है. हम किसी तरह की उकसावे वाली कार्रवाई नहीं करेंगे लेकिन अगर उन्होंने दुस्साहस किया तो हम भी दिखा देंगे कि हमारे पास कैसी क्षमता है.
वहीं, व्हाइट हाउस की तरफ से प्रेस ब्रीफिंग के दौरान अमेरिका की तरफ से इस संबंध में कहा गया कि अमेरिका, ताइवान के पास चीन की भड़काने वाली सैन्य गतिविधियों से चिंतित है. चीन की ये हरकत क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को कमजोर कर रही है. चीन को चाहिए कि वो तुरंत ताइवान के खिलाफ सैन्य, राजनयिक और आर्थिक दबाव बनाना बंद करे.


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