चीन अपने देश की जनसंख्या की भयावह समस्या को गलत आंकड़ों से छुपा रहा

चीन में जनसंख्या की भयावह समस्या

Update: 2022-06-06 15:23 GMT
बीजिंग, एएनआइ। विशेषज्ञों के अनुसार चीन में जनसंख्या की समस्या उससे अधिक भयावह है, जैसा कि बीजिंग डाटा के जरिये दुनिया को दिखा रहा है। लंदन स्कूल आफ इकोनमिक्स एंड पोलिटिकल साइंस में आर्थिक इतिहास के प्रोफेसर केंट डेंग कहते हैं कि चीन के आधिकारिक जन्म दर के आंकड़े सटीक नहीं हैं, क्योंकि जन्मदर और मृत्युदर के बीच अंतर नाममात्र का है। प्राकृतिक विकास दर भी वास्तविक नहीं है।
चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार देश में जन्मदर 0.752 प्रतिशत और मृत्युदर 0.718 प्रतिशत रिकार्ड है। निक्की एशिया के मुताबिक 2020 में प्राकृतिक विकास दर 0.145 प्रतिशत थी। केंट डेंग ने यह भी कहा कि जनसंख्या में गिरावट सहित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को कमजोर करने वाला कोई भी परिवर्तन, पीपुल्स रिपब्लिक आफ चाइना (पीआरसी) में कम्युनिस्ट पार्टी के शासन को कमजोर करेगा।
उल्लेखनीय है कि चीन की जनसंख्या एक साल में 4,80,000 बढ़कर 2021 के अंत तक 1.41 अरब पहुंच चुकी है। पिछले साल चीन ने नई जनसंख्या और परिवार नियोजन नीति लागू की थी, जिसके अनुसार चीनी दंपती तीन बच्चे तक पैदा कर सकते हैं।
यह नीति 2020 की जनगणना के बाद आए आंकड़ों के बाद लागू की गइ थी।, जिसके अनुसार चीन की जनसंख्या एक दशक में अब तक के सबसे कम दर से बढ़ी है। बता दें कि चीन की जनसंख्या 2000 के बाद 5.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी है।
जानिए चीन ने क्यों बदली जनसंख्या नीति ?
चीन की जनसंख्या लगभग 140.21 करोड़ है। चीन में लंबे समय तक एक बच्चे की नीति को सख्ती से लागू किया गया था। कई सालों बाद नीति बदली गइ और लोगों को तीन बच्चे पैदा करने तक की छूट दी गइ है। जिससे जन्म पर नियंत्रण की इस नीति से अब एक बड़ा बदलाव आया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक चीन निम्न और मध्यम आय वाले अन्य देशों के मुकाबले तेजी से बूढ़ा हो रहा है। 60 साल से ऊपर के लोगों का अनुपात 2010 में 12.4 प्रतिशत था। अनुमानित है कि जो 2040 में बढ़कर 28 प्रतिशत हो जाएगा।
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