PM पद से इस्तीफा दे सकते हैं जस्टिन ट्रूडो, भारत से पंगा लेने के बाद जाने वाली है कुर्सी

आ गई इस्तीफे की घड़ी.

Update: 2025-01-06 03:29 GMT
नई दिल्ली: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जल्द ही प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं. उन्होंने इसे लेकर ऐलान कर दिया है. द ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल कॉकस की बुधवार को होने जा रही बैठक से पहले ट्रूडो लिबरल पार्टी के नेता के तौर पर इस्तीफा सौंप देंगे.
पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि नेशनल कॉकस की बैठक में ट्रूडो को विद्रोह का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में ट्रूडो को लगा कि उन्हें कॉकस की बैठक से पहले इस्तीफे को लेकर बयान जारी करना चाहिए ताकि यह नहीं लगे कि उन्हें उनकी ही पार्टी के सांसदों ने बाहर कर दिया.
सूत्रों का कहना है कि लिबरल पार्टी के कॉकस की बैठक में ट्रूडो को पार्टी नेता के पद से हटाया जा सकता था. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह (ट्रूडो) तत्काल ही पद से इस्तीफा देंगे या फिर नए नेता के चुनाव तक इस पद पर रहेंगे. सूत्रों ने बताया कि ट्रूडो ने वित्त मंत्री डॉमिनिक लीब्लैंक से चर्चा की थी क्या उन्हें पद पर बने रहना चाहिए या नहीं.
बता दें कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से उन पर दबाव भी बहुत बढ़ गया था. ट्रंप उन पर लगातार निशाना साध रहे थे. एलॉन मस्क ने भी ट्रंप की जीत के तुरंत बाद कह दिया था कि अब ट्रूडो की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.
मालूम हो कि कनाडा की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में फिलहाल लिबरल पार्टी के 153 सांसद हैं. कनाडा के हाउस में कॉमन्स में 338 सीटें है. इसमें बहुमत का आंकड़ा 170 है. कुछ महीने पहले ट्रूडो सरकार की सहयोगी पार्टी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) ने अपना से समर्थन वापस ले लिया था. एनडीपी खालिस्तानी समर्थक कनाडाई सिख सांसद जगमीत सिंह की पार्टी है.
ऐसे में गठबंधन टूटने की वजह से ट्रूडो सरकार अल्पमत में आ गई थी. हालांकि एक अक्टूबर को हुए बहुमत परीक्षण में ट्रूडो की लिबरल पार्टी को एक दूसरी पार्टी का समर्थन मिल गया था, जिस वजह से ट्रूडो ने फ्लोर टेस्ट पास कर लिया था.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मतभेद के कारण कुछ दिन पहले ही डिप्टी पीएम और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने भी इस्तीफा दे दिया था. डिप्टी पीएम क्रिस्टिया फ्रीलैंड के इस्तीफे के बाद ट्रूडो का विरोध तेज हुआ. क्रिस्टिया ने उसी दिन इस्तीफा दिया, जिस दिन उन्हें बजट पेश करना था. उनके इस्तीफे के बाद अब कैबिनेट भी ट्रूडो पर इस्तीफे का दबाव बना रही है.
ट्रंप के टैरिफ प्लान ने भी ट्रूडो की मुश्किलें बढ़ाई हैं. ट्रंप ने साफ कर दिया है कि वो कनाडा और मेक्सिको से अमेरिका आने वाले सभी उत्पादों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएंगे, क्योंकि इन देशों से बड़ी संख्या में अवैध प्रवासी अमेरिकी सीमा में दाखिल हो रहे हैं. इन देशों से बड़े पैमाने पर ड्रग्स की सप्लाई भी अमेरिका में हो रही है.
माना जा रहा है कि ट्रंप के टैरिफ अटैक को लेकर ही क्रिस्टिया और ट्रूडो के बीच मतभेद थे. अब जब जनवरी में ट्रंप दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं तो ट्रूडो की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने पर ट्रूडो पर राजनीतिक दबाव और बढ़ सकता है.
जस्टिन ट्रूडो का विरोध अब सिर्फ संसद या पार्टी तक ही सीमित नहीं रह गया है. अब जनता भी उनसे खासी नाराज है. कनाडा के लोग ट्रूडो के प्रति अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं.
लाइव टीवी पर कुछ कनाडाई लोगों ने कहा, प्रधानमंत्री ट्रूडो आपने कनाडा को बर्बाद कर दिया. आपके अंदर आपके पिता की ईमानदारी का एक कण भी नहीं है. आपके आसपास के लोग आपका साथ छोड़कर जा रहे हैं. अब आपके जाने का समय आ गया है.
मीडिया भी ट्रूडो के इस्तीफे की मांग कर रही है. पत्रकार डैनियल बॉर्डमैन ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ट्रूडो अब तक की सबसे कमजोर स्थिति में हैं. एक दूसरे पत्रकार कीन बेक्सटे ने कहा, ट्रूडो का इस्तीफा देना कनाडा के हित में है.
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