टिकटॉक समेत 59 चीनी एप पर बैन लगाने पर चीन ने भारत के खिलाफ WTO में लगाई गुहार, बताया अवैध

संपादकीय में कहा गया है कि इसका भारत की आत्‍मनिर्भरता से कोई लेना देना नहीं है।

Update: 2021-01-27 12:26 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत सरकार द्वारा टिकटॉक और यूसी ब्राउजर समेत 59 चीनी एप पर प्रतिबंध लगाने पर चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स ने कहा है कि चीनी कंपनियों को भारत सरकार से मुआवजे की मांग करनी चाहिए। ग्‍लोबल टाइम्‍स ने आरोप लगाया है कि विदेशी कंपनियों के प्रोडक्‍ट पर बैन लगा कार भारत ने विश्‍व व्‍यापार संगठन की नीतियों का उल्‍लंधन किया है। ग्‍लोबल टाइम्‍स के अपने संपादकीय में कहा गया है कि विदेशी कंपनियों के प्रोडक्‍ट पर बैन लगाने की भारत की पुरानी आदत है। संपादकीय में कहा गया है कि इसका भारत की आत्‍मनिर्भरता से कोई लेना देना नहीं है।


केंद्र सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चीनी मोबाइल एप्स पर स्थाई रूप से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। सरकार ने यह फैसला पिछले साल जून में चीनी एप्स पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगाने के कई महीने बाद लिया है। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने इन कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था। हालांकि, कंपनियों द्वारा दिए गए जवाब से सरकार संतुष्ट नहीं है। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 59 एप्स का संचालन करने वाली कंपनियों को नोटिस भेजा है। उल्लेखनीय है कि चीन के साथ सीमा पर संघर्ष के बाद सरकार ने पिछले साल इन एप्स की भारत में पहुंच को निलंबित कर दिया था। सरकार के मुताबिक, उसे इस बात की विश्वस्त सूचना मिली थी कि ये चीनी एप्स ऐसी गतिविधियों में शामिल हैं, जो देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए नुकसानदेह हैं।


बीते दिनों केंद सरकार के एक्‍शन से बौखलाए चीन ने कहा था कि एप्‍स बैन करने का भारत का फैसला वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाइजेशन के नियमों का उल्लंघन है। पिछले साल नवंबर महीने में सरकार ने चौथी बार सख्‍त कार्रवाई करते हुए 43 और एप्स को बैन कर दिया था। मई 2020 से लेकर अक्टूबर तक भारत सरकार की ओर से कुल 267 चीनी एप्स बैन किए गए। उल्‍लेखनीय है कि चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच जनवरी की शुरुआत में डोनाल्ड ट्रंप ने भी चीन को एक बड़ा झटका दिया था। ट्रंप ने चीनी कंपनियों के मालिकाना हक वाले आठ एप से लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने संबंधी कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। इन प्रतिबंधित एप में वीचैट पे और जैक मा के एंट ग्रुप का अलीपे शामिल थे। ट्रंप ने कहा था कि चीन में बने और वहीं से नियंत्रित होने वाले इन एप के चलते अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है जिसे देखते हुए तत्काल कार्रवाई करने की दरकार है।


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