चीन ने गलवान घाटी में घायल जवान को सौंपी ओलंपिक मशाल, कई देशों ने किया राजनय‍िक बह‍िष्‍कार

किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का विरोध किया है.

Update: 2022-02-02 10:16 GMT

चीन में 4 से 20 फरवरी के बीच व‍िंटर ओलंपिक गेम्‍स का आयोजन होने जा रहा है. चीन अब इस टूर्नामेंट के जरिए राजनीत‍ि कर रहा है, जहां उसने पीपल्स लिबरेशन आर्मी (People's Liberation Army) के रेजिमेंट कमांडर क्यूई फैबाओ को मशाल वाहक बनाया है. फैबाओ को गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारतीय सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में बुरी तरह सिर में चोट लगी थी. इस बात की जानकारी चीनी मुखपत्र द ग्लोबल टाइम्स (The Global Times) ने दी है. इसके अनुसार, इसमें पीएलए शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजिमेंटल कमांडर फैबाओ ने 4 बार के शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्कैटिंग चैम्पियन वांग मेंग से टॉर्च ली.

15 जून 2020 की रात को लद्दाख की बर्फीली गलवान नदी के किनारे भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई थी. इसमें पीएलए शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजिमेंटल कमांडर क्यूई फैबाओ के सिर में गंभीर चोट पहुंची थी. इसके चलते उन्हें महीनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था. माना गया कि इस हिंसक झड़प में चीन के 40 सैनिकों की मौत हुई, लेकिन चीन ने इसका कभी खुलासा नहीं किया.
कई देशों ने किया राजनय‍िक बह‍िष्‍कार
बीजिंग विंटर ओलिंपिक का आयोजन 4-20 फरवरी के बीच किया जाएगा. इसके बाद 4-13 मार्च तक पैरालंपिक विंटर गेम्स (Paralympics Winter Games) का आयोजन होगा. चीन द्वारा मानवाधिकार के उल्लंघन के चलते अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई पश्चिमी देशों ने बीजिंग विंटर ओलिंपिक का राजनयिक बहिष्कार किया है. ये देश अपने खिलाड़ियों को तो चीन भेज रहे हैं, लेकिन किसी राजनयिक को नहीं भेज रहे हैं.
अमेरिका, यूरोपीय संघ और कई पश्चिमी देशों ने शिनजियांग में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों को उजागर करने के लिए अपने राजनयिकों द्वारा इस आयोजन का बहिष्कार करने की घोषणा की है. उनका कहना है कि शिनजियांग में शिविरों में एक लाख से अधिक उइगर मुसलमान कैद हैं. चीन शिनजियांग में बनाए गए शिविरों में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप से इनकार करता है.
दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर जारी है तनाव
भारत और चीन के बीच लद्दाख सहित कई इलाकों में बॉर्डर विवाद को लेकर तनाव जारी है. दोनों पक्षों के बीच अब तक 14 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है. हालांकि दोनों देशों ने आपस में मसला सुलझाने की बात कही है और किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का विरोध किया है.
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