कजाखस्तान में विरोध प्रदर्शनों के चलते केंद्र सरकार ने दिया इस्तीफा

कजाखस्तान में कई हफ्ते से हो रहे विरोध प्रदर्शनों के चलते केंद्र सरकार ने इस्तीफा दे दिया है.

Update: 2022-01-05 04:58 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कजाखस्तान, विरोध प्रदर्शन, केंद्र सरकार, इस्तीफा, कजाखस्तान न्यूज़, kazakhstan, protests, central government, resignation, kazakhstan news,

कजाखस्तान में कई हफ्ते से हो रहे विरोध प्रदर्शनों के चलते केंद्र सरकार ने इस्तीफा दे दिया है. राष्ट्रपति कासिम-योमात तोकायेव ने दो बुधवार सुबह ही देश में दो हफ्ते का आपातकाल लागू कर दिया था.कजाखस्तान के राष्ट्रपति कासिम-योमात तोकायेव ने कहा है कि उन्होंने सरकार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और अलीखान समाईलोव को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया है. साथ ही उन्होंने सरकार से तेल की कीमतें नियमित करने का भी आदेश दिया है. मंगलवार को देश में जारी विरोध प्रदर्शन उस वक्त और तेज हो गए थे जब अधिकारियों ने एलपीजी की कीमतों पर लगी सीमा को हटा लिया था, जिसके बाद ईंधन कीमतों में तेज वृद्धि देखी गई. आपातकाल लागू तेज विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए राष्ट्रपति तोकायेव ने आपातकाल लागू कर दिया.

इसके तहत रात 11 से सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू रहेगा और लोगों के जमा होने व आने-जाने पर पाबंदी होगी. देश के सबसे बड़े शहर अल्माटी और पश्चिमी प्रांत मांगिस्ताऊ में यह पाबंदी लागू होगी. हाल ही में तेल की कीमतों में देश में तेज वृद्धि हुई थी जिसके मांगिस्ताऊ में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. यह प्रांत तेल का केंद्र है जहां हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया. मांगिस्ताऊ क्षेत्र में ज्यादातर लोग ईंधन के लिए एलपीजी पर ही निर्भर हैं.
इनमें वाहनों का ईंधन भी शामिल है. एलपीजी की कीमतों की वृद्धि आम जरूरत की चीजों की कीमतें भी प्रभावित करती है. कोरोनावायरस महामारी के कारण पहले से महंगाई झेल रहे लोग इस वृद्धि से परेशान हैं. राष्ट्रपति मुस्तैद जल्द ही ये प्रदर्शन दश के बाकी हिस्सों में भी फैल गए और खासतौर पर पश्चिमी प्रांत में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए. इसके चलते पुलिस ने बल प्रयोग करना शुरू कर दिया. मंगलवार को अल्माटी में एक रैली हुई जिसमें पांच हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गोले छोड़े. इस विरोध को देखते हुए राष्ट्रपति तोकायेव ने देश के नाम एक संबोधन में कहा, "सरकार और सेना के दफ्तरों पर हमलों का आह्वान पूरी तरह अवैध है. सरकार नहीं गिरेगी लेकिन हम विवाद नहीं आपसी भरोसा और बातचीत चाहते हैं." 
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