यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच फिर कीव पहुंचे बोरिस जानसन, जेलेंस्की के साथ रणनीति पर की चर्चा

यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन शुक्रवार को फिर से कीव पहुंचे और उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की।

Update: 2022-06-18 00:50 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन शुक्रवार को फिर से कीव पहुंचे और उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की। कीव में दोनों नेताओं ने बैठक करके रूसी सेना से मुकाबले की रणनीति पर चर्चा की। इस दौरान जानसन ने जेलेंस्की को पूरी सहायता का भरोसा दिया। जेलेंस्की के चीफ आफ स्टाफ आंद्रेई येरमार्क ने बताया कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री से लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों और एयर डिफेंस सिस्टम पर बात हुई है।

जेलेंस्की ने कहा, युद्ध के दौरान ब्रिटेन ने यूक्रेन की बहुत मदद की है। खास दोस्त बोरिस जानसन से एक बार फिर कीव में मिलकर खुश हूं। दौरे के बाद जानसन ने जेलेंस्की के साथ अपनी फोटो पोस्ट करके उन्हें खास दोस्त बताया। युद्ध के दौरान कीव का दौरा करने वाले जानसन दुनिया के इकलौते नेता हैं।
गुरुवार को फ्रांस, जर्मनी, इटली और रोमानिया के नेताओं ने यूक्रेन का दौरा किया था। चारों नेताओं ने युद्ध में यूक्रेन की जनता के जज्बे की भूरि-भूरि प्रशंसा की और पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। कीव में उन्होंने राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की और उनके साथ युद्ध और यूक्रेन की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की। इस दौरान जेलेंस्की ने एक बार फिर लंबी दूरी के हथियारों की मांग उठाई। साथ ही यूरोपीय यूनियन (ईयू) की सदस्यता की दरकार की। 24 फरवरी को रूस का हमला होने के बाद यूरोप के चार प्रमुख देशों के नेता इस तरह से पहली बार समर्थन जताने यूक्रेन पहुंचे।
मैक्रों, शुल्ज, द्रागी पहुंचे यूक्रेन
इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर ओलफ शुल्ज, इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी और रोमानिया के राष्ट्रपति इयोहानिस ने कीव के नजदीक स्थित इरपिन कस्बे का दौरा किया और वहां पर रूसी हमले से खंडहर बनी इमारतों को देखा। वहां पर रूसी सैनिकों की बर्बरता के शिकार हुए लोगों को लाशें भी मिली थीं। चारों नेताओं ने रूसी सेना से मुकाबला करने वाले इरपिन के लोगों की बहादुरी की प्रशंसा की।
जर्मन चांसलरओलफ शुल्ज ने इसे असीम क्रूरता की संज्ञा दी और रूस के यूक्रने के युद्ध को बेमतलब की हिंसा करार दिया। खंडहर में तब्दील इमारतों के बीच खड़े होकर चारों नेताओं ने लोगों से आपबीती सुनी। इस दौरान यूक्रेनी मंत्री ने वहां पर बचाव के लिए किए गए उपायों की जानकारी दी।
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