अध्ययन में सामने आई बड़ी बातें: ध्यान लगाने से याददाश्त होती है तेज

एक शोधकर्ता जार्ज बेंसचेंक ने बताया कि ध्यान लगाने के दिमाग पर जबर्दस्त प्रभाव होते हैं और याददाश्त भी तेज होती है।

Update: 2021-08-19 11:10 GMT

ध्यान, योग और प्राणायाम हमें मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ रखते हैं। ये हमारी जीवन शैली का प्राचीन काल से हिस्सा हैं। अब विज्ञानियों के शोध में भी यही बात सामने आ रही हैं। एक नए अध्ययन में सामने आया है कि ध्यान लगाने (मेडिटेशन) से याददाश्त तेज होती है और दिमाग पूरी तरह सक्रिय बना रहता है।

यह अध्ययन न्यूयार्क की बिंघमटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है। उनका कहना है कि आठ सप्ताह तक नियमित रूप से ध्यान लगाने से दिमाग तेजी से सक्रिय होने लगता है और याददाश्त बढ़ने लगती है। अध्ययन जर्नल साइंटिफिक रिपोटर््स में प्रकाशित हुआ है।
ऐसे लोग जो ध्यान लगाते हैं, उनका मानना है कि इससे उन्हें मानसिक शांति मिलती है। शोर-शराबे की जिंदगी से उनको आराम मिलता है। हिंदू और बौद्ध धर्म में ध्यान (मेडिटेशन) के महत्व को पूरी तरह स्पष्ट किया गया है।
अध्ययन में वैज्ञानिक रूप से मानव मस्तिष्क पर ध्यान के प्रभावों को पूरी तरह स्पष्ट नहीं किया जा सका है। यूनिवर्सिटी के छात्रों पर ध्यान लगाने का अध्ययन करने पर चौंकाने वाली जानकारी मिली। इन छात्रों के ध्यान लगाने से दो माह में ही मस्तिष्क में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल गए। शोधकर्ताओं में से कई ने ध्यान लगाने के बाद खुद भी इसके प्रभावों को महसूस किया। एक शोधकर्ता जार्ज बेंसचेंक ने बताया कि ध्यान लगाने के दिमाग पर जबर्दस्त प्रभाव होते हैं और याददाश्त भी तेज होती है।



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