Lifestyle : पीरियड्स से जुड़े इन गलतफमियों पर ज्यादातर लड़कियां कर लेती हैं भरोसा

लाइफस्टाइल | महिलाओं के मासिक धर्म यानी पीरियड्स को लेकर कई पुरानी और गलत धारणाएं हैं, जिनका विश्वास अधिकांश महिलाएं करती हैं। हालांकि, इन गलतफमियों को समझने और उनका निराकरण करना जरूरी है, ताकि महिलाएं अपनी सेहत को लेकर सही निर्णय ले सकें।
यहां कुछ प्रमुख गलतफमियों के बारे में जानकारी दी जा रही है:
-
पीरियड्स के दौरान नहाना मना है: यह एक आम गलतफहमी है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं को नहाना नहीं चाहिए। लेकिन यह पूरी तरह से गलत है। स्वच्छता बनाए रखने के लिए पीरियड्स के दौरान नहाना बिल्कुल सुरक्षित है, और यह शरीर को ताजगी प्रदान करता है।
-
पीरियड्स के दौरान एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए: बहुत सी लड़कियां सोचती हैं कि पीरियड्स के दौरान व्यायाम करना हानिकारक होता है। हालांकि, हल्की एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग, योग या स्ट्रेचिंग से शरीर को आराम मिलता है और माहवारी के दर्द को भी कम किया जा सकता है।
-
पीरियड्स में सेक्स नहीं करना चाहिए: कुछ लोग यह मानते हैं कि पीरियड्स के दौरान सेक्स नहीं करना चाहिए, लेकिन यह पूरी तरह से व्यक्तिगत चुनाव है। यदि दोनों पार्टनर सहज महसूस करते हैं और स्वच्छता का ध्यान रखते हैं, तो पीरियड्स में सेक्स करना सुरक्षित हो सकता है।
-
पीरियड्स में महिलाओं का मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन स्वाभाविक है: यह एक सामान्य धारणा है कि महिलाओं को पीरियड्स के दौरान चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स होते हैं। हालांकि, यह हर महिला पर लागू नहीं होता। यह स्थिति अलग-अलग महिलाओं के शरीर और मानसिक स्थिति पर निर्भर करती है।
-
पीरियड्स में गर्भवती नहीं हो सकतीं: यह एक और आम गलतफहमी है कि पीरियड्स के दौरान महिलाएं गर्भवती नहीं हो सकतीं। हालांकि, यह सच है कि पीरियड्स के दौरान गर्भधारण का जोखिम कम होता है, लेकिन यह पूरी तरह से असंभव नहीं है। कभी-कभी महिलाएं ओवुलेशन के समय पीरियड्स के दौरान गर्भवती हो सकती हैं।
-
पीरियड्स से जुड़े किसी भी दर्द को नज़रअंदाज़ करना चाहिए: पीरियड्स के दौरान दर्द एक सामान्य अनुभव हो सकता है, लेकिन यदि दर्द असहनीय हो और जीवनशैली पर असर डाले, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसे में डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी है।
इन गलतफमियों को लेकर जागरूकता बढ़ाने और सही जानकारी प्रदान करने से महिलाएं बेहतर स्वास्थ्य निर्णय ले सकती हैं।