बेल्जियम पहला देश बना जिसने मंकीपाक्स से संक्रमित होने पर 21 दिनों के लिए अनिवार्य किया क्वारंटीन, जानिए बीमारी से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी

पिछले सप्ताह बीमारी के चार मामले सामने आने के बाद बेल्जियम ने मंकीपाक्स के रोगियों के लिए 21-दिवसीय क्वारंटीन अनिवार्य करने वाला पहला देश बन गया है।

Update: 2022-05-23 02:13 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पिछले सप्ताह बीमारी के चार मामले सामने आने के बाद बेल्जियम ने मंकीपाक्स के रोगियों के लिए 21-दिवसीय क्वारंटीन अनिवार्य (21-day quarantine compulsory) करने वाला पहला देश बन गया है। बेल्जियम के मीडिया के हवाले से सऊदी गजट ने बताया कि बेल्जियम के स्वास्थ्य अधिकारियों ने शुक्रवार को यह फैसला लिया है। सऊदी गजट के अनुसार, बेल्जियम इंस्टीट्यूट आफ ट्रापिकल मेडिसिन ने कहा है कि देश में मंकीपाक्स का प्रकोप काफी कम है और आने वाले वक्त में यह बीमारी भयावह नहीं होगा।

वालोनिया में किया जा रहा है मरीज का इलाज
शनिवार को बेल्जियम में कोरोना महामारी के लिए राष्ट्रीय संदर्भ प्रयोगशाला के प्रभारी माइक्रोबायोलॉजिस्ट इमैनुएल आंद्रे ने ट्विटर पर कहा कि देश में चौथे मामले की पुष्टि हुई है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि इस मरीज का इलाज वालोनिया में किया जा रहा है और एंटवर्प घटना से जुड़ा हुआ है जिसमें दो अन्य लोग संक्रमित थे।
चार सप्ताह तक फैल सकता है संक्रमण
बता दें कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मंकी पाक्स के रोगी चार सप्ताह तक संक्रमण फैला सकते हैं। डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, जान हापकिंस यूनिवर्सिटी में संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ अमेश अदल्जा ने एक साक्षात्कार में इस मामले में सचेत करते हुए यह जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि जो लोग इस वायरस की चपेट में आते हैं, उन्हें पहले बुखार आता है और फिर चेहरे और शरीर पर चकत्ते और त्वचा पर घाव होते हैं। इसके बाद यह प्रभावित अंग को छूने और कफ तथा छींक के जरिये फैलता है। त्वचा पर घाव खत्म होने में कुछ सप्ताह का समय लगता है। इससे पीडि़त लोग तब तक संक्रामक होते हैं, जब तक कि उनके त्वचा के घाव सूखते नहीं हैं।
संक्रमण में बुखार, सिरदर्द, सूजन शामिल
मंकीपाक्स के संक्रमण में बुखार, सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और सामान्य रूप से सुस्ती शामिल हैं। बुखार के समय अत्यधिक खुजली वाले दाने विकसित हो सकते हैं, जो अक्सर चेहरे से शुरू होकर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं। मंकीपाक्स वायरस त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। यह संक्रमित जानवर के काटने से, या उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ, या फर को छूने से हो सकता है। संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी मंकीपाक्स हो सकता है।
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