जंग के बीच बोला अमेरिका- भारत, रूस पर निर्भरता कम करे तो हम विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता बनने को तैयार
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच अमेरिका की कोशिश है कि भारत रूस के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों पर रोक लगाए.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia Ukraine war) के बीच अमेरिका की कोशिश है कि भारत रूस के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों पर रोक लगाए. संयुक्त राज्य अमेरिका (United States) ने एक बार फिर रूस के साथ हमेशा की तरह व्यापार जारी रखने पर अपनी आपत्ति दोहराई और कहा कि उसने भारत को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि अमेरिका को नहीं लगता कि भारत को रूसी ऊर्जा और अन्य वस्तुओं के आयात में वृद्धि करनी चाहिए. जबकि वे उनके तेल का केवल 1-2% ही आयात कर रहे हैं. साथ ही व्हाइट हाउस (White House) ने भारत में स्थायी राजदूत नहीं होने के मामले में कहा कि यह 'अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण' राजनयिक पद है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि अमेरिका अपने आयात में विविधता लाने के किसी भी प्रयास में भारत का समर्थन करने के लिए तैयार है. भारत अगर रूस पर निर्भरता कम करता है कि वह नई दिल्ली का विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता बनने को तैयार है. इस सवाल पर कि क्या नई दिल्ली में एक निश्चित राजदूत नहीं होना, भारत को रूस से दूर रहने के लिए राजी करने में बाधा आ रही है, जेन साकी ने कहा कि उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह को भारत भेजना संयुक्त राज्य अमेरिका के कई प्रयासों का एक उदाहरण है. लेकिन अमेरिका की प्राथमिकता वहां पर एक स्थायी राजदूत रखने की है.
जेन साकी ने कहा, "यह एक अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण राजनयिक स्थिति है. हम कई चैनलों के माध्यम से देशों के साथ भी जुड़े होते हैं. और जाहिर है, हमारे उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हाल ही में कुछ दिन पहले भारत में थे, जिन्होंने स्पष्ट रूप से यह बताने की कोशिश की कि प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के परिणाम क्या होंगे."
अमेरिका ने पुतिन की दोनों बेटियों पर लगाया रोक
यह बयान तब आया है जब अमेरिका ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो बेटियों कैटरीन तिखोनोवा और मारिया पुतिना पर नए प्रतिबंध लगा दिए हैं.
हालांकि वर्तमान समय में संयुक्त राज्य अमेरिका के पास भारत में एक निश्चित राजदूत नहीं है क्योंकि एरिक गार्सेटी (Eric Garcetti) जिन्हें अगला राजदूत माना जाता है, के पास अभी तक पर्याप्त वोट नहीं हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति बाइडेन गार्सेटी के नॉमिनेशन की वापस ले सकते हैं.
रूस के साथ भारत के जुड़ाव से अमेरिका करता रहा है आपत्ति
अमेरिका तेल और रक्षा जैसे क्षेत्रों में रूस के साथ भारत के लगातार जुड़ाव पर अपनी नाराजगी दोहराता रहा है. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अपनी हाल की नई दिल्ली यात्रा में कहा कि रूस इस बात पर भी चर्चा करने के लिए तैयार है कि क्या भारत यूक्रेन पर रूस की आक्रामकता के कारण कठिन वैश्विक स्थिति के बीच मॉस्को से कुछ खरीदना चाहता है. अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयस ऑस्टिन ने मंगलवार को कहा कि आगे चलकर अमेरिका चाहेगा कि भारत रूस पर भारत की रक्षा निर्भरता को कम करे. अमेरिका रूस की जगह लेने को तैयार है. भारत रूस से उनके तेल का केवल लगभग 1-2% ही आयात करता है.
वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रूस से रियायती तेल की भारत की खरीद का बचाव किया है, जयशंकर ने संसद में स्पष्ट किया कि भारत रूस-यूक्रेन संघर्ष के खिलाफ है और नई दिल्ली ने एक पक्ष चुना है, और वह पक्ष है तत्काल शांति का यानि हिंसा तुरंत रोकी जाए.