अमेरिका-जापान और दक्षिण कोरिया जल्‍द ही बैठेंगे आमने सामने, उत्‍तर कोरिया के मिसाइल प्रोग्राम पर होगी चर्चा

उत्‍तर कोरिया के पिछले दिनों किए गए सात मिसाइल परिक्षणों की वजह से बढ़ते खतरे के मद्देनजर अमेरिका ने जापान और दक्षिण कोरिया से बात की है।

Update: 2022-02-10 04:17 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्‍तर कोरिया के पिछले दिनों किए गए सात मिसाइल परिक्षणों की वजह से बढ़ते खतरे के मद्देनजर अमेरिका ने जापान और दक्षिण कोरिया से बात की है। पेंटागन के प्रेस सचिव जान किर्बी ने बताया है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री लाएड आस्टिन ने फोन पर रिपब्लिक और कोरिया के राष्‍ट्रीय सुरक्षा मंत्री सूवुक और जापान के रक्षा मंत्री किशी नोबूओ से इस बाबत बात की और उत्‍तर कोरिया की तरफ से उभरे खतरे पर सुरक्षा को लेकर बात की है। उनके मुताबिक इस दौरान बातचीत का मकसद सुरक्षा सहयोग के प्रति दोनों देशों को आश्‍वस्‍त करना था। साथ ही उभरते खतरे के मद्देनजर अन्‍य विकल्‍पों को भी तलाशना था। इस दौरान हुई बातचीत में उत्‍तर कोरिया की वजह से विश्‍व की चिंता और खतरे के बारे में भी बात हुई।

आपको बता दें कि पिछले माह उत्‍तर कोरिया ने सात मिसाइल परिक्षण किए थे। पिछले माह ही उसने वर्ष 2017 के बाद अपना सबसे शक्तिशाली मिसाइल परिक्षण भी किया था। इस दौरान उत्‍तर कोरिया ने बैलेस्टिक मिसाइल दागी थीं, जो बाद में जापान सागर में गिरी थी। उत्‍तर कोरिया द्वारा किए गए इन परिक्षणों की चर्चा सुरक्षा परिषद में हुई थी। परिषद के सभी सदस्‍यों ने एक सुर में उत्‍तर कोरिया के इस कदम की आलोचना की थी। आपको बता कि पिछले माह किए गए पहले परिक्षण के बाद ही अमेरिका ने उत्‍तर कोरिया पर और अधिक कड़े प्रतिबंध लगाए थे। लेकिन बाद के हुए परिक्षण बताते हैं कि इन प्रतिबंधों का उस पर कोई असर नहीं हुआ है।
पेंटागन प्रेस सचिव जान किर्बी ने कहा कि उत्‍तर कोरिया के मिसाइल परिक्षणों से समूचे विश्‍व को खतरा है और इससे इस क्षेत्र के अन्‍य देशों की सुरक्षा को भी खतरा पहुंचा है। तीन देशों के बीच हुई इस बातचीत में ये भी तय हुआ है कि तीनों आने वाले वाले दिनों में इस मसले पर आमने-सामने बैठकर बात करेंगे और विकल्‍पों पर भी ध्‍यान देंगे। इसमें इस बात पर भी विचार किया जाएगा कि आखिर पूरे कोरियाई प्रायद्वीप को कैसे परमाणु हथियार रहित बनाया जा सकता है। किर्बी ने ये भी साफ कर दिया है कि अमेरिका जापान और दक्षिण कोरिया की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से वचनबद्ध है।
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