ओमिक्रॉन वैरिएंट पर अर्लट : केंद्र सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस, विदेश से आने वालों के लिए भारत में बदले नियम
अफ्रीका और यूरोप समेत दुनिया भर के कई देशों में कोरोना वायरस के खतरनाक ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर सरकार सतर्क हो गई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफ्रीका और यूरोप समेत दुनिया भर के कई देशों में कोरोना वायरस के खतरनाक ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर सरकार सतर्क हो गई है। केंद्र सरकार ने रविवार को विदेश से आने वाले लोगों के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर दी है। इसके तहत भारत आने वाले यात्रियों को पिछले 14 दिनों की अपनी ट्रैवल हिस्ट्री के बारे में बताना होगा। इसके अलावा अपनी निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट भी एयर सुविधा पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। तभी वे भारत की यात्रा कर पाएंगे। ओमिक्रॉन वैरिएंट के चलते दुनिया भर में एक बार फिर से हलचल मच गई है। जर्मनी, इजरायल, ब्रिटेन समेत कई देशों ने यात्रा पाबंदियां लागू करना शुरू कर दिया है।
सरकार के आदेश के मुताबिक एयर सुविधा पोर्टल पर यात्रियों को तीन दिन के अंदर में आई आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट अपलोड करनी होगी। यही नहीं 'ऐट-रिस्क' देशों से आने वाले लोगों को एयरपोर्ट पर टेस्टिंग से भी गुजरना होगा। यदि इन देशों से आने वाले यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं तो फिर उनके सैंपल्स को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा और उन्हें क्वारेंटाइन रहना होगा। यह क्वारेंटाइन उन्हें किसी अस्पताल में रहना होगा। यदि वे निगेटिव आते हैं तो भी होम क्वारेंटाइन में 7 दिन गुजारने होंगे। यही नहीं 8वें दिन एक बार फिर से उनका टेस्ट होगा और अगले 7 दिन तक सेहत की निगरानी करनी होगी।
इन देशों को खतरे वाली सूची में डाला, यात्रियों पर रहेगी कड़ी नजर
यही नहीं दुनिया के किसी भी देश से आने वाले यात्रियों में से 5 फीसदी लोगों की रैंडम टेस्टिंग होगी। सरकार ने कहा है कि 'ऐट-रिस्क' देशों से आने वाले यात्रियों को टेस्टिंग का खर्च खुद देना होगा, जबकि रैंडम टेस्टिंग का खर्च सरकार वहन करेगी। भारत सरकार ने जिन देशों को खतरे वाली श्रेणी में रखा है, उनमें दक्षिण अफ्रीका, चीन, ब्रिटेन, यूरोपीय देश, बांग्लादेश, ब्राजील, बोट्सवाना, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बॉब्वे, हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर और इजरायल शामिल हैं। इससे पहले सरकार ने टॉप अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी और उसके बाद ही अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को लेकर यह फैसला लिया गया है।