Shimla. शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश को मार्च, 2026 तक देश का प्रथम हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं और पांच फरवरी, 2025 को हिमाचल इस दिशा में उत्कृष्ट नवाचार की पहल करेगा। मुख्यमंत्री पांच फरवरी को प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ में हिमाचल के प्रथम बड़ी हरित हाइड्रोजन परियोजना की आधारशिला रखेंगे। सीएम सुक्खू सोलन जि़ला के नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र के दभोटा में एक मेगावाट ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र का शिलान्यास करेंगे। लगभग 9.04 करोड़ के निवेश से निर्मित किए जाने वाले इस ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट में प्रतिदिन 423 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की क्षमता होगी। इस परियोजना का निर्माण कार्य 18 माह के भीतर पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में प्रदेश मार्च, 2026 तक देश का प्रथम हरित ऊर्जा राज्य बनने की दिशा में सतत् अग्रसर है। प्रदेश सरकार नवाचार एवं अन्य निर्णायक समाधानों के माध्यम से राज्य में 500 मेगावाट सौर ऊर्जा का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कार्य कर रही है।
नालागढ़ के पेखुबेला में प्रदेश के सबसे बड़ी 32 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना क्रियाशील है। प्रदेश को पूर्ण रूप से हरित राज्य बनाने के लिए विभिन्न परियोजनाएं निर्मित की जा रही हैं। ऊना, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, मंडी और शिमला जि़लों में कुल 501 मेगावाट क्षमता के पांच सौर पार्क और 212 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए कार्य किया जाएगा। दभोटा में स्थापित होने वाले एक मेगावाट के ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र की स्थापना के लिए प्रदेश सरकार ने 26 अप्रैल, 2023 को ऑल इंडिया लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। यह समझौता सौर ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, जियो थर्मल ऊर्जा और कमप्रेस्ड बायोगैस के विकास पर केंद्रित है। दभोटा में इस परियोजना के निर्माण के लिए चार हजार वर्ग मीटर भूमि चिन्हित की गई है। इस संयंत्र में नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों से प्राप्त बिजली का उपयोग कर हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा। यह संयंत्र ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में व्यापक कमी लाकर स्वच्छ ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगा। बताया जा रहा है कि इस संयंत्र में प्रति वर्ष लगभग एक लाख 54 हजार 395 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन किया जा सकेगा।