कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स ने फैलाई दहशत! स्पेन-पुर्तगाल में 32 नए मामले मिले, यूरोप में हाईअलर्ट

स्पेन और पुर्तगाल के अधिकारियों ने बुधवार को ऐलान किया कि उन्होंने मंकीपॉक्स के लगभग 32 संदिग्ध मामलों का पता लगाया है. ये

Update: 2022-05-19 03:29 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। स्पेन और पुर्तगाल के अधिकारियों ने बुधवार को ऐलान किया कि उन्होंने मंकीपॉक्स (Monkeypox) के लगभग 32 संदिग्ध मामलों का पता लगाया है. ये जानकारी ऐसे समय पर सामने आई है, जब कुछ दिनों पहले ही ब्रिटेन में मंकीपॉक्स (Monkeypox in Europe) के नए मामले रिपोर्ट किए गए थे. इस वजह से अब ये चिंता पैदा हो गई है कि यूरोप के कुछ हिस्सों में इस खतरनाक बीमारी का फैलाव हो रहा है. मंकीपॉक्स एक वायरस है जो अक्सर डीआर कांगो, नाइजीरिया और मध्य और पश्चिम अफ्रीका के अन्य हिस्सों में लोगों को अपना शिकार बनाता है. अन्य लक्षणों के अलावा इस बीमारी की वजह से शरीर पर घाव हो जाते हैं, जो 2 से 4 हफ्तों तक रह सकता है.

मंकीपॉक्स को आमतौर पर जानलेवा बीमारी नहीं माना जाता है. लेकिन इस बात का अनुमान लगाया गया है कि मंकीपॉक्स की वजह से 10 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है. वहीं, पुर्तगाल में कुल मिलाकर पांच कंफर्म केस और 20 संदिग्ध केस रिपोर्ट हुए हैं, जबकि स्पेन में आठ संदिग्ध केस और ब्रिटेन में सात संदिग्ध केस रिपोर्ट किए जा चुके हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि वह ब्रिटेन के साथ समन्वय करके इस बीमारी के प्रकोप की जांच कर रहा है. वायरस की इंक्यूबेशन पीरियड आमतौर पर 6-13 दिनों की होती है. इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सूजी हुई लिम्फ नोड्स, बेचैनी, थकावट और शरीर पर दाना होना शामिल है.
अमेरिका में भी मिला मंकीपॉक्स
वहीं, अमेरिका के मैसाचुसेट्स के राष्ट्रमंडल ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि अमेरिका के मैसाचुसेट्स डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ ने बुधवार को कनाडा की हालिया यात्रा के बाद लौटे पुरुष में मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण देखे हैं. इस तरह मैसाचुसेट्स में पहले मंकीपॉक्स केस की पुष्टि हो गई है.
संक्रमण के फैलने के तरीके ने उठाए सवाल
यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UKHSA) ने सोमवार को कहा कि उसने चार नए केस का पता लगाया. इससे पहले मई में तीन केस रिपोर्ट हुए थे. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि कुछ मामलों के पीछे की वजह यौन संपर्क हो सकता है. ये वायरस के फैलाव को समझने का नया रास्ता हो सकता है. वायरस सांस लेने के दौरान निकलने वाली बूंदों, घावों या किसी व्यक्ति के कपड़ों के जरिए भी फैल सकता है. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) के एक अधिकारी ने एक नई मीडिया रिपोर्ट में कहा कि संक्रमण के प्रसार को देखने की जरूरत है. इसका कहना है कि ये आम तौर पर दिखने वाले मंकीपॉक्स से कुछ अलग नजर आ रहा है.
चेचक की वैक्सीन होगी कारगर
WHO के मुताबिक, मंकीपॉक्स का संक्रमण ज्यादातर कम उम्र के लोगों के लिए गंभीर होता है. यूएस CDC ने अपने खुद को आकलन में नोट किया कि ऐसी वैक्सीन हैं, जो मंकीपॉक्स पर काम कर सकती हैं. CDC ने कहा, 'मंकीपॉक्स वायरस चेचक का कारण बनने वाले वायरस से करीबी रूप से संबंधित है, इसलिए चेचक की वैक्सीन लोगों को मंकीपॉक्स होने से बचा सकती है. अफ्रीका के पिछले आंकड़ों से पता चलता है कि चेचक की वैक्सीन मंकीपॉक्स को रोकने में कम से कम 85 फीसदी तक प्रभावी है.' CDC ने कहा कि रोग शुरू होते ही चार दिनों के भीतर वैक्सीन लगा देनी चाहिए. 4 से 14 दिनों के भीतर वैक्सीन लगाने पर बीमारी के लक्षण कम हो जाते हैं.
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